Ravivar Vrat Vidhi: कैसे रखा जाता है रविवार का व्रत, जानें पूजा विधि और धार्मिक महत्व
Ravivar Vrat: रविवार व्रत को करने से व्यक्ति को सौभाग्य और सूर्य देव का आशीर्वाद मिलता है, उसकी विधि, नियम और धार्मिक महत्व क्या हैं? ये जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.
नई दिल्ली: Ravivar Vrat: हिंदू धर्म में रविवार के दिन की जाने वाली पूजा का बहुत अधिक महत्व बताया गया है. हिंदू मान्यता के मुताबिक, रविवार के दिन सूर्य देवता की पूजा करने का विधान है. ज्योतिष के अनुसार, सूर्यदेव को अन्य सभी ग्रहों का राजा माना जाता है. यदि आपकी कुंडली में सूर्य से जुड़ा कोई दोष हो तो रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा करने और व्रत रखने से लाभ प्राप्त होता है. आइए जानते हैं क्या है रविवार पूजा का धार्मिक महत्व और व्रत का सही तरीका.
रविवार व्रत और पूजा की विधि
रविवार के दिन भगवान सूर्य देव की कृपा पाने के लिए सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लें. इसके बाद साफ लोटे में जल लेकर, सूर्य देव को अर्घ्य दें. फिर पूजा स्थल पर लाल चटाई या कोई भी लाल वस्त्र बिछाकर बैठें और भगवान सूर्य की पूजा आरंभ करें.
भगवान सूर्य नारायण को धूप, दूध, लाल फूल और जल अर्पित करने का विशेष फल माना गया है. रविवार की पूजा में सूर्य देव को लाल चंदन अर्पित करने के बाद प्रसाद के रूप में अपने माथे पर लगाना चाहिए. सूर्य देवी की परिक्रमा एक स्थान पर खडे़ होकर दी जाती है. ऐसे में आप जहां खड़े हैं उस स्थान की परिक्रमा करें.
व्रत में क्या खाएं और क्या न खाएं
रविवार के व्रत में गुड़ के साथ गेहूं की रोटी अथवा दलिया खाने का विधान है. इस व्रत में नमक का सेवन बिल्कुल नहीं किया जाता है. ऐसे में इस खाने-पीने में नमक न डालें. जब आपके रविवार व्रत का संकल्प पूरा हो जाए तो उद्यापन करते समय कम से कम चार ब्राह्मणों को भोजन कराएं. उनका आशीर्वाद पाने के लिए लाल वस्त्र, फल, मिठाई दक्षिणा दें.
रविवार व्रत का धार्मिक महत्व
सनातन परंपरा के अनुसार जीवन में यश, वैभव और सुख-समृद्धि पाने के लिए सूर्य देवता की आराधना करना शुभ माना जाता है. रविवार का व्रत करना सूर्य की कृपा पाने और सुखी, स्वस्थ और सम्मानित होने का उत्तम उपाय माना जाता है.