नई दिल्ली. शनि आपके कर्मों का स्वामी है, इसलिए शनि को अपना मित्र या शत्रु बनाना आपके अपने हाथ में ही है. जब शनि की बात आती है, तो साढ़े साती का जिक्र भी जरूर होता है. साढ़े साती एक राशि से दूसरी राशि में शनि के नियमित गोचर का परिणाम है. यह कोई नई बात नहीं है क्योंकि सभी ग्रह चलते रहते हैं और अलग-अलग राशियों में अलग-अलग प्रभाव दिखाते हैं, ऐसा ही शनि है.


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साढ़े साती से आप कैसे निपटते हैं ये आपपर निर्भर करता है. साढ़े साती का सबसे बड़ा प्रभाव यह है कि यह व्यक्ति को भावहीन, संकोची स्वभाव, छोटी-छोटी बातों को सिर पर उठा लेने वाला और हमेशा अप्रिय विचारों वाला बनाता है. यह शनि का सबसे खराब संकेत है. ऐसे में आप शांत रहने की कोशिश करें.


शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति का उपाय
शनिवार को एक कांसे की कटोरी में सरसों का तेल और एक सिक्का डालकर उसमें अपना चेहरा देखें. उसे या तो किसी गरीब को दान कर दें या फिर उसे शनि मंदिर में कटोरी सहित रखकर चलें आयें. यह उपाय आपको लगातार सात शनिवार करना होगा. इससे आपको शनि की साढेसाती से होने वाले कष्टों से मुक्ति मिलेगी.


शमी के पेड़ की करें पूजा
साढ़ेसाती के दुष्प्रभाव से बचन में शमी का पेड़ भी आपकी मदद कर सकता है. इसके लिए आपको प्रत्येक शमी के पेड़ जल देना चाहिए और उसकी पूजा करनी चाहिए. इसके अलावा आपको शनिवार का व्रत और शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए.


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)


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