नई दिल्ली: Sankashti Chaturthi 2024: सनातन धर्म में चतुर्थी तिथि काअधिक महत्व है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा और व्रत करने का विधान है. हर वर्ष फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है. इस बार फाल्गुन मास संकष्टी चतुर्थी 28 फरवरी दिन बुधवार को मनाई जाएगी. यह दिन भगवान गणेश की पूजा और व्रत रखने के लिए विशेष है. यदि आप अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करना चाहते हैं. आइए जानते हैं, संकष्टी चतुर्थी की तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में:


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फाल्गुन मास का संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त
फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 28 फरवरी, बुधवार को रात 01 बजकर 53 मिनट पर शुरू होगी. यह तिथि 29 फरवरी, गुरुवार को सुबह 04 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगी. इस दिन चंद्र दर्शन का शुभ मुहूर्त 29 फरवरी को सुबह 08 बजकर 32 मिनट से 09 बजकर 27 मिनट तक रहेगा.
 
फाल्गुन मास का संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि 
इस दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करें. घर में मंदिर को साफ करें और भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें. इसके बाद दीपक जलाएं और फल, फूल, मिठाई आदि चढ़ाएं. भगवान गणेश की आरती करें. व्रत कथा पढ़ें या सुनाएं. पूरे दिन व्रत रखें और भगवान गणेश का ध्यान करें. अगले दिन सुबह स्नान करके व्रत का पारण करें.


बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति 
यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित है, जो बुद्धि और ज्ञान के देवता हैं। इस व्रत को करने से भक्तों को बुद्धि, ज्ञान और विवेक की प्राप्ति होती है।


विघ्नों का नाश 
भगवान गणेश विघ्नहर्ता भी हैं. इस व्रत को करने से जीवन में आने वाले विघ्नों का नाश होता है और सफलता प्राप्त होती है.


मनोकामनाओं की पूर्ति 
मान्यता है कि इस व्रत को करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.


सुख-समृद्धि 
इस व्रत को करने से घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है.


पापों का नाश
इस व्रत को करने से पापों का नाश होता है और आत्मा की शुद्धि होती है.


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)