Sankashti Chaturthi 2022: भगवान गणेश को हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार विघ्नहर्ता या सभी बाधाओं को दूर करने वाला माना जाता है. कोई भी नया काम शुरू करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है. इस बार करवा चौथ और संकष्टी चतुर्थी दोनों त्योहार 13 अक्टूबर को ही पड़ रहे हैं. 


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हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि या चौथे को भगवान गणेश की पूजा करने का सबसे अच्छा दिन माना जाता है. इस दिन को सकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से भगवान गणेश भक्तों के जीवन में सभी बाधाओं को हर लेते हैं.


संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त
संकष्टी चतुर्थी को देश के विभिन्न हिस्सों में संकट चौथ और संकट हारा चतुर्थी के रूप में भी जाना जाता है. इस दिन कई भक्त उपवास भी रखते हैं. संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त 13 अक्टूबर को सुबह 01:59 बजे से 14 अक्टूबर को रात 08:09 बजे तक है.


संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि
इस दिन भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं. साफ सुथरे कपड़े पहनने के बाद घर के मंदिर में दीपक जलाते हैं. इसके बाद भगवान गणेश को गंगाजल, दूर्वा और पान अर्पित किया जाता है. प्रसाद के रूप में भगवान को लड्डू या मोदक का भोग भी लगाया जा सकता है. पूजा समाप्त करने से पहले गणेश जी की आरती करना अत्यंत महत्वपूर्ण मना जाता है. 


संकष्टी चतुर्थी पूजा सामग्री
भगवान गणेश की पूजा के लिए भक्तों को गंगाजल, सिंदूर, फूल, दूर्वा, एक लाल कपड़ा, पवित्र जनेऊ, कलश (तांबा, पीतल या चांदी का बर्तन), रोली, लाल मौली और एक नारियल की आवश्यकता होती है.


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)


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