नई दिल्ली: Sarva Pitru Amavasya 2022: हिंदू धर्म में वर्ष के सोलह दिनों को अपने पितृ या पूर्वजों को समर्पित किया गया है. इसे पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष कहते हैं. इसे महालय के नाम से भी जाना जाता है. इस बार पितृ पक्ष या महालय 10 सितंबर से शुरू हुए थे. आज पितृ पक्ष समाप्त हो रहा है.


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सर्वपितृ अमावस्या के दिन धरती से विदा लेते हैं पितृ
हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को सर्व पितृ अमावस्या कहा जाता है. इसे महालया या मोक्षदायिनी अमावस्या भी कहा जाता है. यह पितृ पक्ष का अंतिम दिन होता है. शास्त्रों के अनुसार, सर्व पितृ अमावस्या के दिन पितृ धरती लोक से विदा लेते हैं. इस दिन पिंडदान और तर्पण करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है.


इसके बाद शुरू होंगे शारदीय नवरात्र
आश्विन अमावस्या की समाप्ति के अगले दिन से शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो जाते हैं. मां दुर्गा के विभिन्न रूपों के आराधक और तंत्र साधना करने वाले इस अमावस्या की रात्रि को विशिष्ट तांत्रिक साधनाएं करते हैं.


जानिए आज का पंचांग
अश्विन - कृष्ण पक्ष - अमावस्या - रविवार
नक्षत्र - उत्तरा फाल्गुनी
महत्वपूर्ण योग- शुभ योग
चंद्रमा का सिंह के उपरांत 11:18 पर कन्या राशि पर संचरण


आज का शुभ मुहूर्त - 11.54 बजे से 12.42 बजे तक
राहु काल - 04.47 बजे से 06.16 बजे तक


त्योहार - अमावस्या, सर्व पितृ श्राद्ध (भूले-बिछुड़ों का श्राद्ध)


गुप्त मनोकामना की पूर्ति के लिए
आज सायंकाल नदी के किनारे सात मिट्टी के छोटे-छोटे पात्र में गाय का कच्चा दूध और सभी के समक्ष वटवृक्ष के पत्ते पर सफेद मिठाई अथवा एक-एक बताशा रखकर तिल या सरसों के तेल में दीपक प्रज्वलित कर अपने पितरों को याद करते हुए अपनी मनोकामना का स्मरण करें. लौटते समय मुड़कर ना देखें.


आचार्य विक्रमादित्य की भविष्यवाणी
आने वाले समय में क्रूड ऑयल, पेट्रोलियम पदार्थ के दाम घट सकते हैं, लेकिन सोने-चांदी के दाम में तेजी के झटके मिलेंगे.



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