Navratri 2022: नवरात्रि में जौ बोना क्यों शुभ माना जाता है, जानिए महत्व और कारण
Navratri 2022: नवरात्रि के 9 दिनों तक मां दूर्गा की पूजा विधि-विधान से किया जाता है. नवरात्रि के पहले दिन जौ बोया जाता है. मान्यता के अनुसार बिना जौ बोए मां दूर्गा की पूजा अधूरी मानी जाती है. आइए जानते हैं नवरात्रि में जौ बोने के कारण.
नई दिल्ली: Navratri 2022: नवरात्रि के 9 दिनों मां दूर्गा की पूजा विधि-विधान के द्वारा की जाती है. नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना का अधिक महत्व होता है. कलश स्थापना के साथ साथ जौ भी बोए जाते हैं. बहुत से लोगों को मानना है कि जौ के बिना मां दुर्गा की पूजा अधूरी मानी जाती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं नवरात्रि के 9 दिनों जौ क्यों उगाई जाती है. आइए जानते हैं नवरात्रि में जौ बोने के कारण.
सुख-समृद्धि बनी रहती है
मान्यता के अनुसार नवरात्र में जौ जितनी ज्यादा बढ़ती है. घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है. मिट्टी के बर्तन में जौ बोए जाते हैं. जौ बोने की परंपरा सदियो से चली आ रही है. रोजाना दुर्गा मां की पूजा करने से पहले जो में जल अर्पित करें.
भगवान ब्रह्मा का हैं रूप
मान्यताओं के अनुसार जौ भगवान ब्रह्मा जी का रूप माना जाता है. इसलिए कलश स्थापना के समय नवरात्रि में जौ की पूजा की की जाती है. बता दें कि देश में पहली फसल जौ ही बोई जाती है. ऐसे अन्न का सम्मान करना चाहिए.
मां की होगी कृपा
कहा जाता है कि जौ बोने से मां दूर्गा की कृपा बनी रहती है. बता दें कि नवरात्रि के समय में मंदिरों और पंडालों में जौ बोए जाते हैं. जौ बोना शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि जौ बोने से मां प्रसन्न रहती हैं.
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