नई दिल्ली: Shiv Puran Lord Shiva Niti: हिंदू धर्म के 18 पुराणों में विशेष स्थान प्राप्त है. शिव महापुराण में भगवान शिव की महिमा पूजा विधि और व्रत से होने वाले लाभों के बारे में बताया गया है. शिव पुराण के अनुसार, इनकी पूजा से भक्त समस्त समस्याओं से दूर रहते हैं. यदि सच्चे मन और श्रद्धा के साथ शिवजी की पूजा की जाए तो फल जरूर मिलता है. शिव जी जितने सरल और भोले हैं उतने ही गुस्से वाले भी हैं. यदि शिवजी को क्रोध आ जाए तो फिर इनकी तीसरी नेत्र खुल जाती है और पूरे ब्रह्मांड को विनाश हो सकता है. इसलिए ऐसा कोई काम न करें, जिससे आपको शिव के क्रोध का सामना करना पड़े. आइये जानते हैं इन कामों के बारे में:


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शिवजी के क्रोध के कुछ प्रमुख कारण 
शिवजी धर्म के रक्षक हैं और धर्म का अपमान करने वालों को वे क्षमा नहीं करते हैं. गुरु को शिवजी का स्वरूप माना जाता है. गुरु का अपमान करने पर शिवजी को गुस्सा आता है. ब्राह्मणों को शिवजी का विशेष प्रिय माना जाता है. ब्राह्मण का अपमान करने वाले को शिवजी को गुस्सा आता है. माता-पिता को भगवान का दर्जा दिया जाता है. माता-पिता का अपमान करने वाला शिवजी के क्रोध का शिकार होता है. स्त्रियों को शिवजी का रूप माना जाता है. स्त्री का अपमान नहीं करना चाहिए. शिवजी अहंकार को पसंद नहीं करते हैं. इसलिए अहंकारी व्यक्ति को कभी नहीं करना चाहिए. शिवजी सत्यवादी हैं और झूठ बोलने वालों को वे पसंद नहीं करते हैं. शिवजी का क्रोध भयंकर होता है. शिवजी विनाशकारी रूप धारण कर सकते हैं. शिवजी के क्रोध से बचने के लिए हमें इन कामों से बचना चाहिए.


शिव पुराण के अनुसार, जो लोग पराए स्त्री या पुरुष पर गलत नजर रखते हैं उन्हें पाप की श्रेणी में रखा गया है. दान देकर वापस लेने वाले, गुरु की पत्नी पर बुरी नजर रखने वाले और धर्म का अपमान करने वालों को महापापी की श्रेणी में रखा गया है. इन कामों को करने वाले को भी शिव के क्रोध का सामना करना पड़ सकता है.
बुरे कार्य के लिए मंदिर से चोरी करना, अपराध न होने पर ही कष्ट पहुंचाना, पूर्वजों का अपमान करने वाले लोगों को अपराधी माना गया है. जो लोग ये काम करते हैं, उन्हें शिवजी कभी माफ नहीं करते है. 


 (Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)