Shukrawar Ke Upay: शुक्रवार की रात चुपचाप नमक से कर लें ये उपाय, कभी नहीं होगी पैसों की तंगी!
Shukrawar Ke Totke: शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है. इस दिन मां की विधिवत पूजा की जाती है. वही, आज हम आपको शुक्रवार के कुछ ऐसे गुप्त उपाय बताने जा रहे हैं जिन्हें करने के बाद जीवनभर पैसों की तंगी नहीं होती.
Shukrawar Ke Totke: शुक्रवार का दिन तंत्र साधना के लिए बहुत खास माना जाता है. कहते हैं कि इस दिन मां लक्ष्मी की अराधना कर उन्हें खुश करके आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है. शुक्रवार ही वो दिन होता है जब माता लक्ष्मी शुक्र देव को भी समर्पित होती हैं, जिन्हें धन, सौंदर्य और सुख-सुविधाओं के कारक का ग्रह कहा जाता है. शुक्रवार के दिन कुछ गुप्त उपाय ऐसे हैं जिन्हें करने से जीवन में कभी धन संबंधी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा. चलिए जानते हैं कौन से हैं वह ज्योतिष उपाय.
नमक से करें ये उपाय
शुक्रवार को सूर्यास्त के बाद स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें. अब मां लक्ष्मी की प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाएं. अब मां के सामने प्लास्टिक के एक छोटे से डिब्बे को आधा नमक भर कर इसे एक लाल कपड़े के ऊपर रख दें. इसके बाद मां लक्ष्मी के बीज मंत्र 'ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नमः' का एक हजार एक बार जाप करें. फिर नमक से भरे इसे डिब्बे में लौंग डाल दें, ध्यान रहे कि लौंग खंडित न हो. इसके बाद मां की आरती उतारें. आरती के बाद प्लास्टिक के इस डिब्बे को लाल कपड़ें में बांधकर अपनी तिजोरी या किसी ऐसे स्थान पर रख दें जहां धन रखते है. इस उपाय को 10 शुक्रवार तक करना है और हर शुक्रवार इस नमक वाले डिब्बे में एक लौंग डालते जाएं. इस उपाय से माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होगा.
108 बार करें इस मंत्र का जाप
अगर आप लंबे वक्त से आर्थक समस्याओं से जूझ रहे हैं तो शुक्रवार की रात को गुलाबी रंग के कपड़े धारण. अब मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना के लिए मां की प्रतिमा सामने रखे और ‘ऐं ह्रीं श्रीं अष्टलक्ष्मीयै ह्रीं सिद्धये मम गृहे आगच्छागच्छ नम: स्वाहा’ मंत्र का 108 बार जप करें. इसके बाद श्री लक्ष्मी सूक्त का पाठ करें. ऐसा करने से माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलेगा और बिगड़े काम बनने लगेंगे.
धन वैभव के लिए करें ये उपाय
शुक्रवार की मध्यरात्रि को अष्ट लक्ष्मी (माता लक्ष्मी के आठ स्वरूप) की पूरे विधि-विधान से अर्चना करें. इसके बाद कनकधारा स्तोत्र का पाठ अवश्य करें. अब मां को गुलाब के फूल अर्पित करें और प्रसाद के तौर पर केसर से बनी खीर का भोग लगाएं. पूजा के दौरान इस बात का खास ध्यान रखें कि अगर परिवार में किसी को इस पूजा के बारे में बताना है तो पहले ही बता दें ताकि वह पूजा के दौरान किसी भी तरह की बाधा न सामने आए.
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