Sita Jayanti 2023 फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को सीता अष्टमी मनाई जाती है. ऐसा माना जाता है कि इसी दिन सीता माता ने मनुष्य रूप में पृथ्वी पर जन्म लिया था. इस दिन भगवान राम और माता सीता की पूजा की जाती है.धार्मिक मान्यता है कि माता सीता की पूजा करने से जीवन में सुख, सौभाग्य और शांति की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही भक्तों को रोग, शोक और संताप से मुक्ति मिलती है.


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सीता अष्टमी तिथि और समय
सीता अष्टमी का शुभ मुहूर्त 13 फरवरी, 2023 को सुबह 9 बजकर 50 मिनट से शुरू होकर  14 फरवरी, 2023 को सुबह 9 बजकर 07 मिनट पर समाप्त होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार 14 फरवरी, 2023 को यह त्योहार मनाया जा रहा है. बता दें कि सीता अष्टमी अनुराधा नक्षत्र में पड़ रही है.


सीता अष्टमी का महत्व
सीता अष्टमी का विशेष महत्व विवाहित महिलाओं के लिए माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन विवाहित स्त्रियां यदि व्रत रखकर भगवान राम और माता सीता की पूजा करती हैं तो उनके वैवाहिक जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं और का लंबी उम्र होती है. वहीं अगर कुंवारी कन्याएं सीता अष्टमी का व्रत रखती हैं तो उनके विवाह में आ रही सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं. 


सीता माता की आरती 
आरती श्रीजनक-दुलारी की। सीताजी रघुबर-प्यारी की।।
जगत-जननी जगकी विस्तारिणि, नित्य सत्य साकेत विहारिणि।
परम दयामयी दीनोद्धारिणि, मैया भक्तन-हितकारी की।।
आरती श्रीजनक-दुलारी की।
सतीशिरोमणि पति-हित-कारिणि, पति-सेवा-हित-वन-वन-चारिणि।
पति-हित पति-वियोग-स्वीकारिणि, त्याग-धर्म-मूरति-धारी की।।
आरती श्रीजनक-दुलारी की।।
विमल-कीर्ति सब लोकन छाई, नाम लेत पावन मति आई।
सुमिरत कटत कष्ट दुखदायी, शरणागत-जन-भय-हारी की।।
आरती श्रीजनक-दुलारी की। सीताजी रघुबर-प्यारी की।।


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)


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