नई दिल्ली: Chhath Puja 2023: देशभर में छठ के महापर्व की तैयारियां हो गई हैं. यह पर्व कल यानी 17 नवंबर से शुरू हो रहा है. बिहार, झारखंड और उत्तरप्रदेश में इस पर्व को लेकर जोरदार उत्साह रहता है. इस त्योहार पर 36 घण्टे तक व्रत रखा जाता है, कहा जाता है कि इतना लंबा व्रत अन्य किसी त्योहार के लिए नहीं रखा जाता. लेकिन कहा जाता है कि इस व्रत को केवल शादीशुदा महिलाएं ही कर सकती हैं. लेकिन इस बार नवविवाहिताएं भी इस व्रत को नहीं कर सकतीं.


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नवविवाहिताएं क्यों न करें व्रत?
आमतौर पर माना जाता है कि सिर्फ शादीशुदा महिलाएं ही इस व्रत को कर सकती हैं. लेकिन इस बार ऐसा नहीं है, नवविवाहिता महिलाएं  ये व्रत नहीं कर पाएंगी. प्रकांड पंडितों के मुताबिक, इस साल मलमास लगा हुआ है, इसलिए नवविवाहिताओं को यह व्रत नहीं करना चाहिए. हालांकि, वे प्रसाद बनाने और बाकी रस्मों में दूसरी महिलाओं की सहायता कर सकती हैं.


कुंवारी लड़कियां क्यों न करें व्रत?
यह व्रत कुंवारी कन्याओं के लिए पूरी तरह वर्जित है. माना जाता है कि सूर्य उपासना सधवा हो विधवा ही कर सकती है. दरअसल, माना जाता है कि कुंवारी अवस्था में ही कुंती ने सूर्य उपासना की थी, इसलिए वे मां बन गईं. इसके बाद से यह व्रत कुंवारी लड़कियां नहीं करती हैं. हालांकि, वे चाहें तो घर में माता-बहनों की मदद कर सकती हैं. वे प्रसाद बनाने में अपनी भूमिका अदा कर सकती हैं. इससे भी सूर्य देव प्रसन्न होते हैं. 


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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