नई दिल्ली: Utpanna Ekadashi 2022: आज उत्पन्ना एकादशी है. माना जाता है कि इसी दिन से एकादशी व्रत की शुरुआत हुई थी, क्योंकि सतयुग में इसी एकादशी तिथि को भगवान विष्णु के शरीर से एक देवी का जन्म हुआ था. इस देवी ने भगवान विष्णु के प्राण बचाए, जिससे प्रसन्न होकर विष्णु ने इन्हें देवी एकादशी नाम दिया.


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उत्पन्ना एकादशी की कथा
इस संदर्भ में कथा है कि मुर नामक असुर से युद्ध करते हुए जब भगवान विष्णु थक गए, तब बद्रीकाश्रम में गुफा में जाकर विश्राम करने लगे. मुर भगवान विष्णु का पीछा करता हुए बद्रीकाश्रम पहुंच गया. निद्रा में लीन भगवान को मुर ने मारना चाहा, तभी विष्णु भगवान के शरीर से एक देवी का जन्म हुआ और इस देवी ने मुर का वध कर दिया.


उत्पन्ना एकादशी का करें व्रत
उत्पन्ना एकादशी का व्रत करने से श्रीहरि विष्णु के साथ धन की देवी मां लक्ष्मी की भी विशेष कृपा प्राप्त होती है. साथ ही उस घर में धन की कभी भी कमी नहीं होती है. पद्मपुराण के अनुसार, इस व्रत को करने से धर्म एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है.


आज का पंचांग
मार्गशीर्ष - कृष्ण पक्ष - एकादशी तिथि 10.41 बजे तक, इसके उपरांत द्वादशी तिथि - रविवार
नक्षत्र - हस्त नक्षत्र
महत्वपूर्ण योग- प्रीति योग
चंद्रमा का कन्या राशि पर संचरण
आज का शुभ मुहूर्त - सर्वार्थ सिद्ध योग सूर्य उदय से
आज का  राहु काल - 04.15 बजे से 05.37 बजे तक


त्योहार -  उत्पन्ना एकादशी


गुप्त मनोकामना की पूर्ति के लिए
पीले चौकोर वस्त्र में 5 मुट्ठी साबुत चावल, एक मुट्ठी चने की दान, एक पीले फूल, एक पीली मिठाई और एक पीली धातु का टुकड़ा रखकर, एक पोटली बना लें और सायंकाल से पहले भगवान विष्णु के चरणों में अर्पित करते हुए अपनी मनोकामना का स्मरण करें.



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