Vastu Shastra: घर खरीदते समय रखें इन 6 बातों का ध्यान, हमेशा रहेगा धन-समृद्धि का वास
Vastu Shastra: वास्तु शास्त्र में दिशाओं का विशेष महत्व है, जिससे घर और व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति बनी रहती है. वास्तु के अनुसार, घर बनाने और उसमें चीजें रखने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं. अगर घर बनवाते समय आप वास्तु के नियमों का ध्यान नहीं रख पाए तो कुछ आसान और किफायती तरीकों से भी वास्तु दोष से छुटकारा पा सकते हैं.
नई दिल्ली: Vastu Shastra: वास्तु शास्त्र सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा के नियमों पर आधारित भारतीय संस्कृति का एक प्राचीन विज्ञान है. वास्तु के अनुसार, घर बनवाना बहुत शुभ माना जाता है. घर अगर वास्तु के हिसाब से हो तो हमेशा सुख-शांति बनी रहती है. इससे जुड़े कुछ खास नियम बताए गए हैं.
घर अगर वास्तु के हिसाब से लिया जाए तो कभी भी वास्तु दोष का सामना नहीं करना पड़ता है. आइए जानते हैं कि नया घर लेते या बनवाते समय वास्तु की किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए.
1. नया घर खरीदते या बनवाते समय इस बात का ध्यान रखें. घर का मुख्य प्रवेश द्वार उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए.
2. घर बनवाते समय उसकी खिड़कियों पर भी पूरा ध्यान दें. घर में खिड़कियों की जगह हमेशा उत्तर व पूर्व में होनी चाहिए. घर में बड़ी से बड़ी खिड़की बनाने का प्रयास करें.
3. घर बनवाते समय पानी के नल की दिशा का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए. पानी का नल लगाने के लिए उत्तर या पूर्व की दिशा सबसे अच्छी मानी गई है. भूलकर भी किसी नल को दक्षिण या पश्चिम दिशा में नहीं लगाना चाहिए.
4. नया घर बनवाते समय हर चीज को उसके सही स्थान पर डिजाइन करवाएं. किचन के लिए दक्षिण पूर्व की दिशा सबसे शुभ मानी जाती है. जबकि पूजा घर मुख्य प्रवेश द्वार उत्तर पूर्व होना चाहिए.
5. नींव खुदाई के समय रखें इस बात का ध्यान रखें कि उत्तर और पूर्व की दिशा में सबसे पहले खुदाई करवाएं. पश्चिम की दिशा को सबसे अंत में खोदना चाहिए. सबसे अंत में उत्तर व पूर्व दिशा में दीवार बनवाएं.
6. घर बनवाने के बाद या लेते समय उसके रंगों का खास ख्याल रखना चाहिए. घर में हल्के रंगों का चयन करना उत्तम रहता है. घर की छतों को सफेद रंग से रंगना सबसे अच्छा माना जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है.)