नई दिल्ली. ओपल आंखों से सम्बंधित रोग, मानसिक तनाव, उदासीनता, आलस्य, लाल रक्त कणिकाओं से सम्बन्धित रोगों से राहत दिलाता है. यौन शक्ति को विकसित करता है, क्योंकि यह शुक्र ग्रह का कारक है और शुक्र वीर्य का कारक है. यह शारीरिक तंदरुस्ती भी प्रदान करता है. यह रत्न आपके शरीर के हार्मोनल स्राव के संतुलन को बनाएं रखने में मदद करता है. गुर्दे की बीमारी को भी यह रत्न ठीक करता है.


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आकर्षण शक्ति बढ़ाता है ओपल 
इस रत्न के प्रभाव से आकर्षण शक्ति का विकास होता है तथा सौन्दर्य शक्ति में भी वृद्धि होती है. अधिकतर मामलों में यह रत्न बहुत कारगर सिद्ध हुआ है.


ओपल पहनने की विधि
ओपल रत्न शुक्रवार के दिन या शुक्र की होरा में धारण किया जाता है. ओपल सीधे हाथ की तर्जनी अंगुली में धारण करते है. इस रत्न को धारण करते समय शुक्र देव को याद करते हुए 108 बार मंत्र  ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः का जाप करना चाहिए, उसके बाद विधिवत संकल्पपूर्वक धूप, दीप मिष्टान्न से पूजा अर्चना करके अंगूठी को पहनना चाहिए.


ओपल रत्न धारण करने के नुकसान
सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषी के सुझाव के बिना ओपल न पहनें. किसी भी सुझाव के बिना आप ओपल पत्थर पहनते हैं, तो आप अधिक ठंड और आलसी महसूस करेंगे. आपको त्वचा संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. जैसे त्वचा का रंग पीला और शुष्क हो जाएगा. 


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)


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