नई दिल्लीः Bhanu Saptami 2024: भानु सप्तमी का व्रत हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है. भानु सप्तमी हर माह पड़ती है. इसे हर महीने मनाया जाता है. हर महीने कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन भानु सप्तमी का पर्व मनाया जाता है. इस बार फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को भानु सप्तमी पड़ रही है. आइए जानते हैं, भानु सप्तमी की तारीख, पूजा विधि और महत्व के बारे में: 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

भानु सप्तमी पूजा विधि 
इस महीने भानु सप्तमी 3 मार्च, रविवार को है. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और तांबे के लोटे में जल, गुड़, चावल, फूल, कुमकुम, चंदन आदि डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें. इसके पश्चात दीपक जलाएं और आरती करें. साथ ही सच्चे मन से सूर्य चालीसा और सूर्य कवच का पाठ करें. अंत में सुख-समृद्धि की कामना करें. सूर्य देव को फल और मिठाई का भोग लगाएं और लोगों में प्रसाद का वितरण करें. 


सूर्य मंत्र का जाप: "ॐ आदित्याय नमः" या "ॐ घृणिः सूर्य आदित्यः" मंत्र का 108 बार जाप करें. गायत्री मंत्र का जाप: गायत्री मंत्र का 108 बार जाप करें. इस दिन गरीबों को दान करें. भानु सप्तमी व्रत में नमक नहीं खाना चाहिए. पूरे दिन फलाहार रहना चाहिए. रात में जागरण करें और सुबह मीठा पकवान बनाकर भोजन करें.


भानु सप्तमी व्रत का महत्व 
भानु सप्तमी का व्रत रखने से स्वास्थ्य लाभ मिलता है. इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से मानसिक, शारीरिक, आर्थिक संकट से छुटकारा मिलता है. धन-समृद्धि: यह व्रत धन-समृद्धि और सफलता के लिए भी लाभकारी माना जाता है. यह व्रत ग्रह दोषों से मुक्ति दिलाने में भी सहायक माना जाता है. कुंडली में मंगल के अशुभ प्रभाव में कमी आती है. 


धार्मिक मान्यता के अनुसार, भानु सप्तमी के दिन भगवान सूर्य देव की विधिपूर्वक पूजा करने से व्यक्ति को कारोबार में सफलता प्राप्त होती है. इसके साथ ही घर में खुशियों का आगमन होता है.


Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.