नई दिल्ली: जितिया व्रत मां अपने बच्चों की लंबी उम्र, रक्षा के लिए रखती हैं. जितिया व्रत को जीवित्पुत्रिक व्रत के नाम से जाना जाते हैं. जितिया व्रत मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में रखा जाता है. जितिया व्रत हर साल अश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन मां बच्चों के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. आइए जानते हैं कब है जितिया व्रत. 


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कब है जितिया व्रत 
वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल जितिया व्रत 25 सितंबर मंगलवार को रखा जाएगा. अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि इस साल 24 सितंबर दोपहर 23 बजकर 34 मिनट पर शुरू होगी. 25 सितंबर दिन बुधवार को दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर समाप्त होगा. उदया तिथि के आधार पर इस साल जितिया व्रत 25 सितंबर को रखा जाएगा. 


जितिया पारण समय 
व्रत का पारण 26 सितंबर गुरुवार को सूर्योदय के बाद होगा. 26 सितंबर को सूर्योदय 6 बजकर 12 मिनट पर होगा. जितिया का व्रत निर्जला व्रत होता है. 


जितिया शुभ मुहूर्त 
जितिया व्रत का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 35 मिनट से 5 बजकर 22 मिनट तक है. शाम का शुभ मुहूर्त 4 बजकर 59 मिनट से 6 बजकर 10 मिनट तक है. विजय मुहूर्त 2 बजकर 12 मिनट से 3 बजे तक है. गोधूलि मुहूर्त 6 बजकर 13 मिनट से 6 बजकर 37 मिनट तक है. 


पूजा-विधि
सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले स्नान करें. स्नान करने के बाद सूर्य नारायण की प्रतिमा को स्नान कराएं. इसके बाद आरती करें और भोग लगाएं. मिट्टी और गाय के गोबर  से चील वा सियारिन की मूर्ति बनाएं. कुशा से बनी जीमूतवाहन की प्रतिमा को धूप-दीप, चावल, पुष्प आदि चढ़ाएं. विधि-विधान से पूजा करें और व्रत की कथा जरूर सुनें. 


Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.


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