Ekadashi Do's and Don'ts: एकादशी के दिन भूलकर भी ना करें ये 10 काम, बन जाएंगे पाप के भागीदार

What is forbidden on Ekadashi: सितंबर में दो एकादशी आएंगी. ये दो एकादशी महीने के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष पर पड़ती हैं. एक साल में कुल 24 एकादशी होती हैं. सितंबर में पड़ने वाली पहली परिवर्तिनी एकादशी [भाद्रपद माह (शुक्ल पक्ष)] है.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Sep 6, 2024, 04:14 PM IST
  • एक साल में होती हैं कुल 24 एकादशी
  • परिवर्तिनी एकादशी है सितंबर में पड़ने वाली पहली एकादशी
Ekadashi Do's and Don'ts: एकादशी के दिन भूलकर भी ना करें ये 10 काम, बन जाएंगे पाप के भागीदार

September Ekadashi: हर महीने की तरह सितंबर में भी दो एकादशी आएंगी. ये दो एकादशी महीने के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष पर पड़ती हैं. ऐसे ही एक साल में कुल 24 एकादशी होती हैं. सितंबर में पड़ने वाली पहली परिवर्तिनी एकादशी [भाद्रपद माह (शुक्ल पक्ष)] है.

वहीं, दूसरी एकादशी इंदिरा एकादशी [आश्विन मास (कृष्ण पक्ष)] है. हिंदुओं में एकादशी का बहुत बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है. इस दिन को सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है क्योंकि यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है.

परिवर्तिनी एकादशी का दिन
परिवर्तिनी एकादशी की तारीख 14 सितंबर 2024 है. इस दिन व्रत रखा जाएगा और पारण का समय 15 सितंबर 2024 - प्रातः 05:34 बजे से प्रातः 08:01 बजे तक रहेगा

इंदिरा एकादशी का दिन
इंदिरा एकादशी की तारीख 28 सितंबर 2024 है. इस दिन व्रत रखा जाएगा और पारण का समय 29 सितंबर 2024 - प्रातः 05:37 बजे से प्रातः 08:01 बजे तक रहेगा.

एकादशी पर भूलकर ना करें ये 10 काम
अगर आप व्रत रखते हैं कि एकादशी वाले दिन ये 10 काम करेंगे तो उपवास का कोई फायदा नहीं होगा बल्कि पाप के भागीदार बन जाएंगे.

- व्रत वाले दिन जुआ नहीं खेलना चाहिए.
- नमक, तेल, चावल व अन्न का सेवन ना करें.
-मसूर की दाल ना खाएं.
- मधु(शहद) से दूरी बनाएं.
- दूसरे का अन्न ना खाएं.
-एक दिन में दूसरी बार भोजन नहीं करना चाहिए.
- स्त्री प्रसंग से दूर रहें.
- कांसे के बर्तन में भोजन नहीं करना चाहिए.
-एकादशी वाले दिन क्रोध, गलत भाषणबाजी से बचना चाहिए.
-इस दिन पान खान, दातुन करना व पापी लोगों से बात करना भी त्यागना चाहिए.

एकादशी पर क्या करें?
-सुबह जल्दी उठें और पूजा अनुष्ठान शुरू करने से पहले पवित्रा लाएं, स्नान करें.
-एक लकड़ी का तख्ता लें और उस पर भगवान विष्णु की मूर्ति और श्री यंत्र रखें, जो देवी लक्ष्मी का रूप है.
-मूर्ति के सामने एक दीया जलाएं और मूर्ति को माला पहनाएं, तिलक लगाएं.
-मूर्ति के सामने एक कलश रखें और तुलसी पत्र चढ़ाएं.
-पांच मौसमी फल, सूखे मेवे और मिठाई चढ़ाएं.
-मूर्ति का आह्वान करने के लिए मंत्रों का जाप करना चाहिए और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना चाहिए.

एकादशी के दिन करें इन मंत्रों का जाप
1. ऊं नमो भगवते वासुदेवाय..!!
2. हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे..!!

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