नई दिल्ली. Janmashtami 2022 भगवान श्रीकृष्ण को विष्णु के 8वें अवतार के रूप में पूजा जाता है. अक्सर हम कृष्ण को मक्खन चोर के रूप में या महाभारत में अर्जुन के सारथी के रूप में याद करते हैं, जिन्होंने युद्ध के बीच उन्हें गीता का ज्ञान दिया था. लेकिन कृष्ण के बारे में कुछ ऐसी बातें हैं जो शायद ज्यादातर लोग नहीं जानते हैं. जैसे कब और कैसे भगवान श्रीकृष्ण की मृत्यु हुई थी. उनकी उम्र कितनी थी और उनके कितने बच्चें थे. आज हम आपको ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब देंगे.


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कैसे हुई कृष्ण की मृत्यु?
भगवान श्रीकृष्ण की मृत्यु जरा नामक बहेलिए के तीर से हुई थी. कृष्ण पीपल के पेड़ के नीचे विश्राम कर रहे थे, तभी बहेलिए ने हिरण समझकर दूर से उनपर तीर चला लिया, जो उनके पैरों में जाकर लगा..


श्रीकृष्ण की कितनी उम्र थी?
भगवान कृष्ण का जन्म 3112 ईसा पूर्व में हुआ था. मान्यता है कि उनकी उम्र 125 साल 8 महीने और 7 दिन थी.


भगवान श्रीकृष्ण की आठ पत्नियां?
ऐसा कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण की सिर्फ 8 पत्नियां थी जिनके नाम रुक्मणि, जाम्बवन्ती, सत्यभामा, कालिन्दी, मित्रबिन्दा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा था. 


भगवान कृष्ण के कितने पुत्र थे?
आठ पत्नियों से हरएक से भगवान कृष्ण को 10 बेटे हुए. यानि कुल मिलाकर भगवान के 80 पुत्र थे. इन 08 रानियों को अष्टा भार्या भी कहा जाता था.


कृष्ण ने राधा से विवाह क्यों नहीं किया?
ऐसी मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने देवी राधा से इसलिए विवाह नहीं किया ताकि मनुष्यों को आंतरिक प्रेम के बारे मे सिखाया जा सके.


भगवान कृष्ण किस रंग के थे?
वेदों के अनुसार, भगवान कृष्ण श्याम वर्ण के थे. ओडिशा में पारंपरिक पट्टा चित्र (कपड़ा कला) में भी भगवान कृष्ण और विष्णु को हमेशा सांवले रंग का दिखाया गया है. इसी वजह से उन्हें सांवला सुंदर भी कहा जाता है.


भगवान कृष्ण को किन नामों से जाना जाता है?
श्रीकृष्ण को कान्हा, कन्हैया, श्याम, गोपाल, केशव, द्वारकेश या द्वारकाधीश और वासुदेव आदि नामों से जाना जाता है.


कृष्ण को बांसुरी किसने दी थी?
श्रीकृष्ण भगवान शिव ने बांसुरी दी और उन्होंने ही बांसुरी बजाना भी सिखाया.


श्री कृष्ण का जन्म कब हुआ?
भगवान कृष्ण का जन्म 27 जुलाई, 3112 ईसा पूर्व आधी रात के आसपास हुआ था. उस रात चंद्रमा का आठवां चरण था जिसे अष्टमी तिथि के रूप में जाना जाता है.


जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है?
भाद्रपद (अगस्त-सितंबर) महीने के अंधेरे पखवाड़े की अष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के जन्म के जश्न के रूप में जन्माष्टमी मनाई जाती है.


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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