लखनऊ: देश भर में पिछले साल दिसंबर में संसद द्वारा पास किये CAA के खिलाफ कट्टरपंथी नेताओं ने खूब उग्र और हिंसक भाषण दिए थे. इससे देश के अनेक हिस्सों में आगजनी और दंगे भड़क गए थे. दिल्ली (Delhi) में भीषण दंगे हुए थे. कई मजहबी कट्टरपंथी नेताओं और जेहादी मानसिकता के लोगों ने भड़काऊ भाषण देकर एक विशेष समुदाय के लोगों के मन में राष्ट्र और राष्ट्रवाद के खिलाफ जहर भरा था.



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कफील खान पर लगी थी NSA


गोरखपुर BRD मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर रहे कफील खान (Dr. Kafeel Khan) को CAA, NRC और NPR के विरोध के दौरान अलीगढ़ विश्वविद्यालय में 13 दिसंबर 2019 को कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के आरोप में यूपी पुलिस ने गिरफ्तार किया था. कफील खान ने विश्वविद्यालय के छात्रों के मन में देश के खिलाफ घृणा भरी थी, ऐसे आरोप उस पर लगे थे. कफील खान कई दिनों से जेल में बंद था.


इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रिहा करने को कहा


उल्लेखनीय है कि कोर्ट (Court) ने रासुका (NSA) के तहत डॉक्टर कफील को हिरासत में लेने और हिरासत की अवधि को बढ़ाए जाने को गैरकानूनी करार दिया है. हाईकोर्ट ने आदेश सुनाते हुए कहा कि NSA के तहत डॉक्टर कफील को हिरासत में लेना और हिरासत की अवधि को बढ़ाना गैरकानूनी है. कफील खान को तुरंत रिहा किया जाए.


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मथुरा जेल में बंद है कफील खान


अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में विवादित बयान देने के मामले में डॉ. कफील खान की मुंबई से गिरफ्तारी की गई थी. वह फिलहाल मथुरा जेल में हैं. इस मुकदमे में 10 फरवरी के बाद डॉ. कफील की रिहाई की तैयारी चल रही थी लेकिन उनके खिलाफ एनएसए के तहत मुकदमा लिखा गया था.