भोपाल: मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा की सरकार काम कर रही है. भाजपा की इस सरकार में वर्तमान में 34 मंत्री हैं. इन मंत्रियों की संख्या संवैधानिक रूप से बहुत गलत है. इसी सिलसिले में नोटिस देकर सुप्रीम कोर्ट ने जवाब मांगा है.


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31 मंत्री के बजाय मंत्रिमंडल में 34 मंत्री


चीफ़ जस्टिस एस ए बोबडे और जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की पीठ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी सरकार को नोटिस जारी किया है और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति की याचिका पर जवाब मांगा है.


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नियमों के अनुसार मध्यप्रदेश में वर्तमान सदस्य संख्या के हिसाब से केवल 31 विधायक मंत्री बन सकते हैं. जबकि इस समय शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में 34 मंत्री हैं.


इस मसले पर क्या कहता है संविधान


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गौरतलब है कि राज्य में विधायकों की कुल संख्या के 15 फ़ीसदी संख्या तक ही मंत्रियों की नियुक्ति की जा सकती है. यानी संविधान के अनुच्छेद 164 (1 ए) के तहत किसी भी राज्य में मंत्रियों की परिषद में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की कुल संख्या, उस राज्य की विधानसभा के सदस्यों की कुल संख्या के पंद्रह प्रतिशत से अधिक नहीं होगी. इस समय मध्यप्रदेश में कुल सदस्यों की संख्या 206 है.