नई दिल्ली: राजस्थान में सत्ता और सियासी वर्चस्व की लड़ाई अदालत में भी लड़ी जा रही है. एक तरफ अशोक गहलोत और उनका खेमा है और दूसरी तरफ सचिन पायलट और उनके गुट के विधायक. सचिन पायलट को राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया गया है.


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राजस्थान के विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने सचिन पायलट खेमे के विधायकों को नोटिस थमाया है और इसके खिलाफ उच्च न्यायालय ने स्पीकर को कोई भी कार्रवाई करने से 24 जुलाई तक रोक दिया है.


सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत सुनवाई से किया इनकार


स्पीकर सीपी जोशी राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चले गए और उन्होंने तुरंत सुनवाई की मांग की लेकिन शीर्ष अदालत ने तुरंत सुनवाई करने से इनकार कर दिया. प्रधान न्यायाधीश शरद अरविंद बोबड़े ने कहा कि ये इतना गंभीर मामला नहीं है जो इस पर तुरन्त सुनवाई की जाए. साथ ही उन्होंने रजिस्ट्री में अपील करने का निर्देश भी दिया.


क्लिक करें- राजस्थान में जारी सियासी तूफान के बीच स्पीकर पहुंचे सुप्रीम कोर्ट


संवैधानिक संकट से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था- सीपी जोशी


विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि हम संवैधानिक संकट की ओर बढ़ें इससे पहले मैंने यह उचित समझा कि सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जाए. मैं आशा करता हूं कि कोरोना वायरस संक्रमण के बाजवूद इस संवैधानिक संकट को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट इस याचिका का संज्ञान लेगा. आज सुबह जब स्पीकर के वकील कपिल सिब्बल ने आज ही इस मामले की सुनवाई किए जाने की अपील की तो चीफ जस्टिस ने इससे इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि आप इसे रजिस्ट्रार के सामने मेंशन करें, वो ही बताएंगे.