नई दिल्ली: जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवाकर शादी करने से इंकार करने पर निकिता की सरेआम तौसीफ ने कर हत्या दी. हत्या करके दोषी मेवात में छिप गए थे, लेकिन मेवात में लव जेहाद का ये पहला मामला नहीं है. मेवात को जहालत का जहन्नुम कहना गलत नहीं होगा. आपको इसके 5 सबूत बताते हैं.


सबूत नंबर 1). लव जेहाद का अड्डा


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दिल्ली से कुछ किलोमीटर दूर हरियाणा के मेवात में पाकिस्तानी करतूत की जा रही है. जेहादी सोच बेटियों की जिंदगी को तबाह कर रही है और पार्टियां चुप हैं. जब निकिता तोमर की हत्या हुई तो कई सच सामने आ गए हैं. निकिता तोमर ने मजहबी बुरका पहनने और निकाह करने का विरोध किया तो हत्या कर दी गई. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. इससे पहले भी दलित लड़की को अगवाकर धर्म परिवर्तन करके निकाह किया गया. मेवात लव जेहाद का एक बड़ा अड्डा है. जहां, जबरन हिन्दू लड़की को किडनैप करके उनका निकाह करा दिया जाता है.



ऐसी ही कहानी 19 साल की मेवात की एक और दलित लड़की की भी जिसे 11 सितंबर को अगवा करके धर्म परिवर्तन करवाकर जबरदस्ती निकाह कर लिया गया. लड़की का नाम बदलकर वर्षा से वारीशा कर दिया गया. लड़की के पिता सुरेश का आरोप है कि 11 सितंबर 2020 को 3 लड़के रियाज खान, अनीश, तलाह खान बेटी को जबरदस्ती अपने साथ ले गए और पानीपत ले जाकर निकाह लर लिया.


अपनी बेटी को लाने के लिये पूरे परिवार ने एड़ी चोटी एक कर दी, लेकिन अपनी बेटी को वापस नहीं ला पाए. सुरेश ने गांव में पंचायत भी की. पंचायत में रियाज के घरवालों ने लड़की से निकाह की बात कबूली लेकिन लड़की को वापस करने की मना कर दिया. इस मामले में पुन्हाना में केस दर्ज किया है और इसका FIR नंबर 350 है पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. परिवार इंसाफ की लगातार गुहार लगा रहा है.


जेहादियों को सजा और बेटियों कों इंसाफ कब?


मेवात को पाकिस्तान बनाने वाले आरोपियों को कब मिलेगी सजा और बेटियों को कब इंसाफ मिलेगा? ये वाकई बड़ा सवाल है. मेवात में इलाके में मुस्लिम आबादी ज्यादा है. इसलिये हिंदुओं की बेटी के साथ जबरन धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है. वर्षा के परिवार पर लगातार केस वापिस लेने के लिये भी धमकी दी जा रही है. मेवात में 80% से ज्यादा आबादी मुस्लिम है. देश के मुस्लिम बहुसंख्यक ज़िलों में से एक है. सवाल ये है कि हरियाणा में पाकिस्तान और सीरिया वाली सोच कैसे काम कर सकती है. सवाल ये हैं कि देश की बेटियों के साथ ऐसा अत्याचार कबतक होता है रहेगा और देश की पार्टियां धर्म के नाम पर कबतक राजनीति करती रहेंगी.


सबूत नंबर 2). अपराधियों की जन्नत


निकिता हो या वर्षा दोनों ही मामले में मेवात का जिक्र आया है, इसलिए आपको आज मेवात के बारे में जानना चाहिए. मेवात को अपराधियों की जन्नत कहा जाए तो ये भी गलत नहीं होगा. मेवाती गैंग के नाम से कई गिरोह सक्रिय हैं. दिल्ली, हरियाणा, यूपी में कई वारदातों में इन गिरोह की भूमिका पाई जाती है. आतंकियों को शरण देने के लिए मेवात बदनाम है. लूटपाट, डकैती, अपहरण, हत्या से मेवात की पहचान बिगड़ी है. मतलब साफ है कि मेवात अपराधियों के लिए जन्नत है.


इसके एक और बड़े सबूत की जानकारी आपको दे देते हैं. वर्ष 2016 के आंकड़ों पर एक नजर डाले तो आप हैरान रह जाएंगे. इन आंकड़ों के अनुसार गुरुग्राम जेल में बंद 24% अपराधी मेवात के थे. वर्ष 2016 के ही एक और आंकडें ये बताते हैं कि फरीदाबाद जेल के कुल कैदियों के 25% कैदी मेवात के थे.


सबूत नंबर 3). गोतस्करी का गढ़


मवेशियों की तस्करी के लिए मेवात के कुख्यात अपराधियों की सच्चाई सामने आती रही है. गोतस्करी से जुड़े सैकड़ों मामले मेवात से सामने आ चुरे हैं. समझना मुश्किल नहीं है कि 80% से ज्यादा आबादी मुस्लिम वाले मेवात में इन जेहादियों की असल करतूत किस काम को अंजाम दे रही है.


सबूत नंबर 4). मेवात का काला इतिहास


अब आपको मेवात का इतिहास बताते हैं. यहां 80% से ज्यादा मुस्लिम आबादी है. राजस्थान, उत्तर प्रदेश से सीमाएं जुड़ी हैं. इस जगह को तबलीगी जमात विचारधारा की जन्मस्थली कहा जाता है. 8वीं से 12 वीं शताब्दी के बीच इस्लाम का प्रभाव देखा गया. जब बड़ी संख्या में हिंदुओं का धर्म परिवर्तन हुआ था. धर्म परिवर्तन से मुस्लिम बने राजपूत 'मेव' कहलाए थे. देश के मुस्लिम बहुसंख्यक ज़िलों में से एक है. 


हरियाणा पर 2013 की एक रिपोर्ट में दावा है कि '500 गांवों में से 103 गांव में एक भी हिंदू नहीं है, जबकि हरियाणा के 82 गांव में सिर्फ 4-5 हिंदू परिवार हैं.


सबूत नंबर 5). अज्ञानता: विनाश का कारण


मेवात के इस काले इतिहास और कट्टर सोच की बड़ी वजह उनकी अज्ञानता भी है. वर्ष 2018 के आंकड़ों की माने तो मेवात देश के सबसे पिछड़े जिलों में से एक है. यानी यहां सिर्फ कट्टरपंथियों की सोच को बढ़ावा दिया जाता है ना कि शिक्षा को. वर्ष 2011 के आंकड़ों को अनुसार मेवात की साक्षरता दर 56% है. ये समझना काफी आसान है कि अज्ञानता ही विनाश का कारण होती है. मेवात में बसे कट्टरपंथियों की ये करतूत उन्हें सिर्फ विनाश की ओर ढकेल रहा है.


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इन पांच सबूतों से ये समझा जा सकता है कि किस तरह से समाज के दीमक रूपी कट्टरपंथियों ने जेहाद को ही अपना मिशन बना लिया है. लेकिन अब वक्त आ चुका है कि ऐसी सोच का जल्द से जल्द खात्मा किया जाए, क्योंकि आज निकिता और वर्षा के साथ खुलेआम ऐसे खेल को अंजाम दिया जा रहा है, कल किसी की भी बेटी और बहन को ऐसे ही शिकार बनाया जा सकता है. इसीलिए अब जागने का वक्त आ चुका है.


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