Rahul Gandhi: राहुल गांधी ने हाल ही में उत्तर प्रदेश के संभल में जाने की कोशिश की. लेकिन उनको रोक दिया गया. भाजपा का कहना है कि राहुल गांधी अल्पसंख्यकों के वोट को हासिल करना चाहते हैं इसलिए उन्होंने ऐसा कदम उठाया.
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Rahul Gandhi: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अफसरों को बिना खबर दिए उत्तर प्रदेश के संभल जाने की कोशिश करने के लिए बुधवार को राहुल गांधी की आलोचना की है. भाजपा ने दावा किया कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच अल्पसंख्यकों के वोटों के लिए हो रहे कंप्टीशन के तहत राहुल ने यह कदम उठाया. संभल जिले में 24 नवंबर को एक मस्जिद के सर्वे के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मद्देनजर वहां 31 दिसंबर तक बाहरी लोगों की एंट्री पर पाबंदी लगा लगा दी है.
मीडिया हाइप के लिए गए राहुल
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने तंज कसते हुए कहा कि राहुल गांधी ने 'किसी सहानुभूति' के लिए संभल जाने की कोशिश नहीं की, बल्कि मीडिया का ध्यान अपनी तरफ खींचने के लिए और अपने सहयोगी दल समाजवादी पार्टी के नेताओं की तुलना में 'बेहतर फोटो खिंचवाने' के मौके को भुनाने की कोशिश के तहत की. राहुल गांधी, उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा और दूसरे सीनियर कांग्रेस नेता सुबह राजधानी दिल्ली में मौजूद गाजीपुर सीमा पर पहुंचे, जहां भारी पुलिस बल तैनात किया गया था और संभल में एंट्री करने से उन्हें रोकने के लिए बैरिकेड लगाए गए थे.
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राहुल को देनी थी खबर
भाजपा प्रवक्ता ने परोक्ष रूप से कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की तरफ इशारा करते हुए कहा, "दोनों पार्टियों के बीच द्वंद्व चल रहा है." उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के सीनियर नेता प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने भी कहा है कि संभल जाने की बात कर कांग्रेस औपचारिकता निभा रही है. त्रिवेदी ने कहा, "लेकिन हमारा मानना है कि कांग्रेस औपचारिकता नहीं बल्कि विवशता में यह कदम उठा रही है." उन्होंने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को अपनी यात्रा के बारे में अधिकारियों को पूर्व सूचना देनी थी क्योंकि प्रधानमंत्री के बाद वह 'उच्चतम स्तर' की सुरक्षा रखते हैं. उन्होंने कहा, "राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष के नाते एएसएल सुरक्षा हासिल है. एएसएल का मतलब उन्नत सुरक्षा संपर्क है. प्रधानमंत्री के बाद सुरक्षा का यह उच्चतम स्तर है. उनके (गांधी के) अलावा केवल गृह मंत्री और रक्षा मंत्री को यह सुरक्षा प्राप्त है." त्रिवेदी ने कहा कि इतने उच्च स्तर के सुरक्षा कवर वाले व्यक्ति को अपने कार्यक्रम के बारे में संबंधित अधिकारियों को पूर्व सूचना देनी होगी ताकि पुलिस उस क्षेत्र की जांच करे जहां वह जा रहे हैं और सुरक्षा मंजूरी दे.
क्या है मामला?
संभल में 19 नवंबर से तनाव पैदा हो गया था, जब अदालत के आदेशों पर मुगल काल की एक मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था. अदालत में दावा किया गया था कि मस्जिद स्थल पर पहले हरिहर मंदिर था. 24 नवंबर को एक दूसरे सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी जब प्रदर्शनकारी शाही जामा मस्जिद के पास इकट्ठा हुए और सुरक्षाकर्मियों के साथ भिड़ गए. हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी और कई दूसरे लोग घायल हो गए थे. संभल में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 (उपद्रव या खतरे की आशंका के तत्काल मामलों में आदेश जारी करने की शक्ति) के तहत पाबंदियां अब 31 दिसंबर तक बढ़ा दी गई हैं.