नई दिल्ली: इन दिनों राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रहे गतिरोध की चर्चाएं चारों तरफ हो रही है. दूसरी तरफ आज राजस्थान की राजनीति में हुए सबसे बड़े हत्याकांड पर न्याय हुआ है. पहली बार राजा मानसिंह हत्याकांड में सीबीआई कोर्ट ने 11 पुलिसकर्मियों को अपराधी घोषित किया और कल उन्हें सजा सुनाकर पीड़ित परिवार को न्याय दिया जाएगा.


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राजा मानसिंह हत्याकांड में 11 पुलिसवाले दोषी करार


राजस्थान के बहुचर्चित राजा मान सिंह हत्या मामले में मथुरा स्थित सीबीआई कोर्ट ने 11 लोगों को दोषी ठहराया है. कोर्ट ने इसमें 3 लोगों को बरी कर दिया है. 35 साल बाद राजा मान सिंह, हरि सिंह और सुमेर सिंह हत्या मामले पर कोर्ट ने कुल 18 में से 11 आरोपियों को दोषी ठहराया है.


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मथुरा की जिला जज सुनाएंगी फैसला


आपको बता दें कि सीबीआई कोर्ट ने आरोपियों को आईपीसी की धारा 302, 148, 149 के तहत दोषी पाया है. अब सजा के मामले में कोर्ट कल सुनवाई करेगी.


गौरतलब है कि मथुरा की जिला जज साधना रानी इस मामले में कल सजा सुनाएंगी. इसमें कई पुलिसकर्मी दोषी थे जिसमें सीबीआई ने कोर्ट में 18 पुलिसकर्मियों के खिलाफ चालान पेश किया था. उनमें से चार की मौत हो गई और तीन को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया. कोर्ट ने डीएसपी कान सिंह भाटी सहित 11 पुलिसकर्मियों को दोषी माना है.


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जानिये क्या है राजा मानसिंह हत्याकांड की कहानी


आपको बता दें कि भरतपुर राजपरिवार के सदस्य राजा मान सिंह जो डीग से 7 बार निर्दलीय विधायक रहे. राजा मान सिंह के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने एक सेवानिवृत्त आईएएस ऑफिसर विजेंद्र सिंह को उनके सामने टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा था. कांग्रेस शासित सरकार के मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर हेलीकॉप्टर से डीग में कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में सभा को संबोधित करने आए थे तभी राजा मान सिंह अपनी जीप लेकर सभा स्थल पर पहुंच गए और मंच तोड़ दिया.


इसके बाद 21 फरवरी 1985 को जब राजा मान सिंह अपनी जीप में सवार होकर अपने समर्थकों के साथ पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने पहुंच रहे थे तभी डीग कस्बे की अनाज मंडी में भारी पुलिस तैनात थी. पुलिस ने उन पर जानलेवा हमला किया और इसमें उनकी जान चली गयी थी.