मुजफ्फरनगरः कोरोना तो पूरे देश पर एक साथ कहर बरपा ही रहा है, लेकिन इसी बीच लोग खुद ही अपने स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं. इससे कोरोना का खतरा बढ़ता जा रहा है. अभी तबलीगी जमात की गलती से उपजी समस्या से उबरने की कोशिश की जा रही है, लेकिन इसी बीच उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से परेशान करने वाली जानकारी सामने आ गई है. यहां लॉकडाउन के विरोध में पुलिस पर ही हमला कर दिया गया. इस घटना के बाद इलाके में दहशत का आलम है. 


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हमले में महिलाएं भी रहीं शामिल
मुजफ्फरनगर में लॉकडाउन का पालन कराने पर पुलिस पर हमला कर दिया गया. हमले में महिलाएं भी शामिल रही हैं. विडंबना है कि जिन लोगों की सेहत के लिए पुलिसकर्मी 24 घंटे ड्यूटी दे रहे हैं, उन्हीं को निशाना बनाया जा रहा है. घटना करहेड़ा मार्ग स्थित अनुसूचित जाति की बस्ती में हुई है.



इससे इलाके में दहशत और तनाव का माहौल है. करहेड़ा मार्ग स्थित अनुसूचित जाति की बस्ती में करीब डेढ़ हजार लोग रहते हैं. 


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पूर्व प्रधान व उसके परिवार पर आरोप
यहां का निवासी नाहर सिंह वर्ष 2000 में ग्राम प्रधान निर्वाचित हुआ था. ग्रामीणों के अनुसार पूर्व प्रधान नाहर सिंह शुरू से ही रौब जमाता रहा है. उसका इस बस्ती में खासा प्रभाव है. इससे पहले भी पूर्व प्रधान के परिवार पर दुर्व्यवहार संबंधी कई आरोप लग चुके हैं. बुधवार को भी करहेड़ा मार्ग स्थित बस्ती में बुधवार शाम घर के बाहर खड़े युवकों को अंदर जाने के लिए कहे जाने पर मोरना चौकी प्रभारी एसआई लेखराज सिंह व कांस्टेबल रवि पर कातिलाना हमला कर दिया गया.


हालत गंभीर होने पर एसआई लेखराज सिंह को मेरठ रेफर कर दिया गया है. ग्रामीणों का कहना है कि कई बार शिकायतें भी की गईं, लेकिन पूर्व प्रधान के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.


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चौकी प्रभारी एसआई की हालत गंभीर
इस हमले के बाद दोनों पुलिस कर्मी गंभीर घायल हैं. सीओ भोपा  राममोहन ने मीडिया को बताया कि महिलाओं ने भी पुलिसकर्मियों पर लाठी-डंडों व लोहे के पाइप से हमला किया. सभी हमलावरों को चिह्नित किया जा चुका है. पूर्व प्रधान के साथ उसकी पत्नी व पुत्रवधू को हिरासत में भी ले लिया गया है. अन्य आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है. हमले में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा.