लखनऊ: गैंगस्टर विकास दुबे के फाइनेंसर जय वाजपेयी की अवैध संपत्तियों की जांच के लिए यूपी सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग को पत्र लिखा है. 
आपराधिक सहयोगियों पर शिकंजा
गैंग्स्टर विकास दुबे की मौत के बाद अब उसके सहयोगी सरकार के निशाने पर आ चुके हैं. बिकरु गांव में आठ पुलिस कर्मियों की मौत के बाद से ही विकास दुबे के किले को ध्वस्त करने का काम पुलिस ने शुरू कर दिया था. 
पुलिस को जांच में ये पता चला था कि विकास दुबे द्वारा अवैध तरीके से कमाई हुई रकम को जय वायपेयी ही ब्याज के काम और जमीनों पर कब्जा करने के काम मे लगाता था. 
जिसके बाद पुलिस ने जय वाजपेयी को हिरासत में लेकर कई दिनों तक पूछताछ की. इस जांच में जय वाजपेयी ने कानपुर में कई घर और करोड़ो रूपये कैश के बारे में जानकारी दी. बाद में पुलिस ने जय वाजपेयी को आपराधिक षडयंत्र रचने के आरोप में जेल भेज दिया है. 


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जय वाजपेयी का विकास दुबे से पुराना नाता
जय वाजपेयी कानपुर के ब्रह्म नगर का निवासी है.  बताया जा रहा है कि जय वाजपेयी आठ साल पहले एक प्रिंटिंग प्रेस में 4000 की तनख्वाह पर नौकरी करता था. इसी दौरान ही वह विकास दुबे के संपर्क में आया. जिसके बाद जय ने अकूत संपत्तियां अर्जित की. 
पुलिस की जांच में खुलासा हुआ था कि जय वाजपेयी और विकास दुबे एक साथ मिलकर विवादित जमीनों की खरीद-फरोख्त करते थे. इसके अलावा विकास के अवैध पैसे को जय वाजपेयी ब्याज पर भी चलाता था. 
जांच टीम को जय के पास लखनऊ और कानपुर में कई अवैध संपत्तियों के बारे में भी पता चला है.  अब राज्य सरकार ने जय वाजपेयी की अवैध संपत्तियों की जांच ED और इनकम टैक्स से कराने की सिफारिश की है. 


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