UP MLC Election: यूपी में निर्विरोध चुने गए 13 विधान परिषद सदस्य, जानिए कौन-कौन बना एमएलसी
UP MLC Election: उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य समेत 13 सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हुए. जानिए किस पार्टी से कौन-कौन एमएलसी चुना गया.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 13 सीटों के लिए उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य समेत सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नौ उम्मीदवारों तथा समाजवादी पार्टी (सपा) के चार उम्मीदवारों को सोमवार को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया.
निर्विरोध निर्वाचित हुए 13 सदस्य
निर्वाचन अधिकारी बृज भूषण दुबे ने सोमवार को विधान परिषद सदस्य के रूप में निर्वाचित किए गए सभी 13 प्रत्याशियों को निर्वाचन प्रमाण-पत्र सौंप दिया. उत्तर प्रदेश विधान परिषद द्विवार्षिक निर्वाचन-2022 में विधानसभा के विशेष सचिव एवं निर्वाचन अधिकारी बृज भूषण दुबे ने यहां जारी एक बयान में कहा कि नाम वापसी की समय-सीमा समाप्त होने के उपरान्त सभी 13 प्रत्याशियों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया.
निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि सोमवार, 13 जून को दोपहर तीन बजे नाम वापसी की अंतिम तिथि समाप्त हो जाने के बाद सभी 13 प्रत्याशियों को विधान परिषद के सदस्य हेतु निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया.
भाजपा से कौन-कौन बना एमएलसी?
दुबे ने बताया कि निर्वाचित सदस्यों में भारतीय जनता पार्टी के केशव प्रसाद मौर्य, भूपेन्द्र सिंह, दयाशंकर मिश्र दयालु, जयेन्द्र प्रताप सिंह राठौर, नरेंद्र कुमार कश्यप, जसवंत सैनी, मोहम्मद दानिश आजाद अंसारी, बनवारी लाल दोहरे और मुकेश शर्मा निर्विरोध निर्वाचित किए गए.
गौरतलब है कि बनवारी लाल दोहरे और मुकेश शर्मा को छोड़कर भाजपा के शेष निर्वाचित सात सदस्य योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल के सदस्य हैं. 25 मार्च को योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के गठन के समय केशव प्रसाद मौर्य, भूपेन्द्र सिंह, दयाशंकर मिश्र दयालु, जयेंद्र प्रताप सिंह राठौर, नरेन्द्र कुमार कश्यप, जसवंत सैनी और मोहम्मद दानिश आजाद अंसारी ने भी शपथ ली थी.
सपा से कौन-कौन बना एमएलसी?
दुबे ने बताया कि समाजवादी पार्टी के स्वामी प्रसाद मौर्य, मुकुल यादव, मोहम्मद शहनवाज खान एवं मोहम्मद जासमीर अंसारी निर्वाचित किए गए हैं. उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्यों द्वारा विधान परिषद द्विवार्षिक निर्वाचन-2022 के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की शुरुआत दो जून से हुई थी.
अगर जरूरत होती तो 20 जून को मतदान होता लेकिन 13 सीटों के लिए 13 उम्मीदवारों ने ही नामांकन पत्र दाखिल किया था, इसलिए मतदान की जरूरत नहीं हुई.
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