नई दिल्ली: असम में बीजेपी के नेता फ्रंटफुट पर निकल कर खेल रहे हैं और उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती इस बार अपना विकेट बचाना है. अगर चुनावी समीकरण को समझा जाए तो ऐसा लगता है कि इस बार का मुकाबला सीधे तीन गठबंधन के बीच है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है. दसअसल, असम में कई छोटे-छोटे दल चुनाव की तारीखों के बाद सक्रिय हो गए हैं. 


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यह छोटे दल ही तीनों गठबंधन के परिणाम पर बड़ा असर डालने वाले हैं. असम में सीधा मुकाबला बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन और कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन की बीच है. दोनों गठबंधन एक-दूसरे को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. इस चुनाव को त्रिकोणीय बनाने का काम साल 2019 के नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के दौरान बना गठबंधन कर रहा है.



एक तीसरा मोर्चा स्थानीय पार्टियों एजेपी और आरडी का है. यह दोनों पार्टियां यहां नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के दौरान उभरी थी. असम में कुछ महत्तवपूर्ण पार्टियां जिसमें यूपीपीएल, बीपीएफ, एजीएम शामिल हैं. ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि चुनाव में छोटे-छोटे दल बहुत बड़ा खेल सकते हैं.


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बीजेपी के साथ 8 सीटों से चुनाव लड़ रही है यूपीपीएल 


स्थानीय पार्टियों की सबसे बड़ी पार्टी में यूपीपीएल (यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल) का नाम शामिल है. यह असम के बोडोलैंड क्षेत्र की पार्टी है और पिछले साल बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (बीटीसी) में बीजेपी के साथ इसने हाथ मिलाया था.



यूपीपीएल इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ है और असम से आठ सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इस गठबंधन में दिलचस्प बात यह है कि यूपीपीएल प्रदेश की तीन सीटों पर बीजेपी के साथ मुकाबला करेगी.


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कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही हैं बीपीएफ 


बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) कांग्रेस के साथ मिलकर असम में सत्ता पाने की कोशिश कर रही है. यह पार्टी बीजेपी का हिस्सा रह चुकी है. असम में सत्ता हासिल करने के लिए जब से कांग्रेस ने मुस्लिम समाज की राजनीति के सबसे बड़े चेहरे बदरुद्दीन अजमल को अपने साथ जोड़ा, तब से ही असम राजनीति काफी दिलचस्प हो गई है.



राज्य में बीपीएफ 12 सीटों से चुनाव लड़ रही है. वहीं राज्यसभा सांसद अजित कुमार भूयन के नेतृत्व वाली एजीएम भी कांग्रेस के साथ गठबंधन में है. यह पार्टी भी असम चुनाव पर असर डाल सकती है. राज्य में एजीएम 2 सीटों से चुनाव लड़ रही है.


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कांग्रेस-बीजेपी को कड़ी टक्कर देगा एजेपी और आरडी का यह मोर्चा


असम विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस क अलावा एजेपी (Asom Jatiya Parishad) और आरडी (Raijor Dal) का तीसरा मोर्चा भी काफी सक्रिय है. यह तीसरा मोर्चा चुनाव को त्रिकोणीय बनाने का काम कर रहा है. इस मोर्चे का जन्म साल 2019 के नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के दौरान हुआ था. 


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