पटना: बिहार में फिर से बनने जा रही है एनडीए की सरकार. जी हां, बिहार में फिर एकबार नीतीशे कुमार के लिये जनता-जनार्दन ने मन बना लिया है. ज़ी हिन्दुस्तान के ग्राउंड रिपोर्ट सर्वे ओपिनियन पोल में यही बात खुलकर सामने आई है.


बिहार 2020 पर सबसे बड़ा ओपिनियन पोल


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28 अक्टूबर को बिहार में पहले चरण का मतदान है. 16 जिलों की 71 सीटों पर वोटिंग है और 1064 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं. ऐसे में बिहार चुनाव के पहले चरण के मतदान पर सबसे साफ तस्वीर बनाने के लिये ज़ी हिन्दुस्तान ने सभी 71 विधानसभा सीटों की ग्राउंड रिपोर्ट तैयार की.


हमारे रिपोर्टर और स्टिंगर ने बड़ी मशक्कत से 71 विधानसभा सीटों पर जाकर माहौल खंगाला और फिर उससे जो तस्वीर उभरकर सामने आई.उस पर हमने बिहार की सियासत और जनता की नब्ज पर पकड़ रखने वाले वरिष्ठ पत्रकारों से बात की. और फिर हर लिहाज से आश्वस्त होने के बाद आप तक पहुंचा रहे हैं बिहार चुनाव का सबसे बड़ा और ब्योरेबार ओपिनियन पोल. 



क्या कहता है पत्रकारों का ओपिनियन पोल?


ज़ी हिन्दुस्तान के ग्राउंड रिपोर्ट ओपिनियन पोल सर्वे में शामिल हुए यूएनआई के वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय के मुताबिक पहले चरण में 71 सीटों पर हो रहे चुनाव में एनडीए को 32 सीटें मिलने की संभावना है. जबकि महागठबंधन के खाते में 25 सीटें आ सकती हैं. चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी के हिस्से में चार सीटें, जबकि अन्य उम्मीदवारों के हिस्से में 10 सीटें आ सकती हैं.



हमारे ग्राउंड रिपोर्ट ओपिनियन पोल सर्वे में शामिल वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक चंद्रशेखर का आकलन भी रवि उपाध्याय के आकलन के आसपास दिख रहा है.


चंद्रशेखर के मताबिक 71 सीटों पर हो रहे पहले चरण के मतदान में एनडीए को 38 सीटें मिल सकती हैं. जबकि महागठबंधन के हिस्से में 25 और एलजेपी के हिस्से में पांच सीटें जा सकती हैं. जबकि 3 सीटों पर अन्य उम्मीदवार जीत सकते हैं.



71 विधानसभा सीटों पर पिछले 15 दिनों की पड़ताल को बुनियाद बनाकर दोनों पत्रकार इस नतीजे पर पहुंचे हैं.


इन्होंने इन सीटों पर पार्टियों के उम्मीदवारों को भी आंका है और साल 2005 से लेकर 2015 के विधानसभा चुनाव के नतीजों और 2019 के लोकसभा चुनाव के परिणामों को भी विधानसभा वार आकलन किया है, तब ये तस्वीर उभरी है.


पहले चरण में जिन 71 सीटों पर मतदान होना है, 2015 के नतीजों को देखें तो उसमें बीजेपी को 13 सीटें और तब उसकी सहयोगी रही हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा और आरएलएसपी को 1-1 सीटें मिली थीं. यानी एनडीए को कुल मिलाकर 71 में 15 सीटें मिली थी.



जबकि महागठबंधन को 71 में 54 सीटें मिली थीं. 2015 में जेडीयू महागठबंधन का हिस्सा थी और उसे 18 सीटें मिली थीं। आरजेडी को 27 और कांग्रेस के खाते में 9 सीटें आई थीं.



इस पैमाने पर देखें तो इन 71 सीटों पर 2020 के दंगल में महागठबंधन को लगभग आधी सीटों का नुकसान हो रहा है और सीटें एनडीए के खाते में जुड़ती दिख रही हैं.


वरिष्ठ पत्रकारों के आकलन से पहले चरण के चुनावी नतीजों की जो तस्वीर उभर रही है. उसकी तस्दीक बिहार में चुनावी यात्रा कर रहे जी हिन्दुस्तान के तीनों रिपोर्टर माधुरी कलाल, रमन ममगांई और धीरज ठाकुर भी कर रहे हैं.


इन तीनों रिपोर्टरों के मुताबिक बिहार के चुनावी दंगल में जिस तरह से छोटी पार्टियां एनडीए और आरजेडी के गठबंधन से छिटककर अलग ताल ठोक रही हैं, उससे एनडीए तो फायदे की सूरत में दिख रही है, लेकिन मौजूदा समीकरण आरजेडी को नुकसान होता दिख रहा है.


एलजेपी की तस्वीर किंगमेकर की जगह वोटकटवा पार्टी के तौर पर ज्यादा दिख रही है. लब्बोलुआब ये है कि एलजेपी वोट तो काटेगी लेकिन उसे जीत में तब्दील करना उसके लिये आसान नहीं होगा.


वहीं नीतीश को चेहरा बनाकर चुनाव लड़ रही एनडीए का तुरुप का पत्ता अभी मैदान में नहीं आया है. बात पीएम मोदी और अमित शाह जैसे स्टार प्रचारकों की हो रही है, जिनके मैदान में उतरते ही एनडीए के पक्ष में वोटों का एकजुट होना तेज हो जाएगा. दूसरी ओर एमआईएम के नेता ओवैसी जैसे बड़े चेहरे हैं, जिनके चुनाव प्रचार से महागठबंधन के माई यानी मुस्लिम यादव समीकरण को बड़े झटके लगने के आसार हैं.


पहले चरण की 71 सीटों को लेकर हमारे रिपोर्टर्स-स्टिंगर्स की ग्राउंड रिपोर्ट ओपिनियन पोल में क्या तस्वीर उभरी है, अब जरा वो जान लीजिए.


एनडीए को 35-40 सीट, महागठबंधन को 25-30 सीट और अन्य के खाते में 2-5 सीटें जा सकती हैं.



आपको बता दें कि ज़ी हिन्दुस्तान के रिपोर्टर्स और स्टिंगर्स की टीम ने पिछले 15 दिनों में इन 71 विधानसभा सीटों पर सैंपल सर्वे किया है. और फिर ये तस्वीर आपके सामने ला रहे हैं. हर विधानसभा सीट पर सौ लोगों की राय ली गई है. इस तरह हमारा सैंपल सर्वे 7100 लोगों का है.


16 जिले की हर सीट का ओपिनियन पोल


ज़ी हिन्दुस्तान के ग्राउंड रिपोर्ट ओपिनियन पोल में अब हम आपको बताने जा रहे हैं पहले चरण की 71 सीटों पर जिले वार क्या तस्वीर बनने की संभावना दिख रही है.


भागलपुर की दो सीटों पर पहले चरण में चुनाव हैं. इसमें महागठबंधन को एक से दो सीटें मिल सकती हैं, जबकि एनडीए के खाते में एक सीट जा सकती है.



 


बांका जिले की पांच विधानसभा सीटें हैं. इनमें एनडीए को एक से दो सीट और महागठबंधन को 2-3 सीटें मिल सकती हैं.



मुंगेर जिले की तीन विधानसभा सीटों में एनडीए का दबदबा दिख रहा है. एनडीए को यहां दो से तीन सीटें मिलने का अनुमान है. जबकि महागठबंधन के खाते में एक सीट जा सकती है.



शेखपुरा जिले की दो विधानसभा सीटों में एक सीट एनडीए के हिस्से तो दूसरी सीट महागठबंधन को मिल सकती है.



पहले चरण में पटना जिले की 5 सीटों पर चुनाव हैं . इसमें एनडीए के खाते में एक से दो सीट,  जबकि महागठबंधन के खाते में तीन से चार सीटें जा सकती हैं.



भोजपुर जिले की सात सीटों में से एनडीए को चार से पांच सीटें और महागठबंधन को दो से तीन सीटें मिल सकती हैं.



बक्सर जिले की चार सीटों में से एनडीए को एक से दो सीट और महागठबंधन को भी एक से दो सीट और अन्य के खाते में एक सीट जा सकती है.



कैमूर जिले की चार सीटों में से एनडीए को दो से तीन सीटें मिल सकती हैं, जबकि महागठबंधन के खाते में एक सीट जा सकती है. जबकि अन्य के खाते में एक से दो सीटें जा सकती हैं.



रोहतास जिले की 7 सीटों में से एनडीए के खाते में एक से दो सीट, जबकि महागठबंधन के खाते में चार से पांच सीटें जा सकती हैं. अन्य को यहां एक सीट पर जीत मिल सकती है.



अरवल जिले की दो सीटों में से एनडीए को एक सीट मिल सकती है, जबकि महागठबंधन को एक से दो सीटें मिलने का अनुमान है.



जहानाबाद की तीन सीटों में से एनडीए को दो और महागठबंधन को एक सीट मिल सकती है.



औरंगाबाद की छह सीटों में एनडीए को तीन से चार सीटें जबकि महागठबंधन को एक से दो सीटें मिल सकती हैं । यहां अन्य के खाते में एक सीट जा सकती है.



गया की दस सीटों में से एनडीए को छह से सात सीटें मिल सकती हैं, जबकि महागठबंधन को तीन से चार सीटें मिलने का अनुमान है.



नवादा की पांच सीटों में से एनडीए के खाते में तीन से चार और महागठबंधन के खाते में एक से दो सीटें जा सकती हैं.



जमुई की चार सीटों में से एनडीए को दो से तीन सीट और महागठबंधन को एक से दो सीट मिल सकती है.



लखीसराय की दो सीटों  में से एक सीट एनडीए के खाते में तो दूसरी सीट गठबंधन के खाते में जाती दिख रही है.


ये तो रही बिहार के पहले चरण के 71 सीटें पर ज़ी हिन्दुस्तान का ग्राउंड रिपोर्ट ओपिनियन पोल. बिहार के दूसरे चरण के 94 सीटों का ओपिनियन पोल अगले कुछ घंटों में आपके सामने होगा. बिहार के चुनावी दंगल की सबसे साफ तस्वीर आप तक पहुंचाने में जुटा है ज़ी हिन्दुस्तान.


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