नई दिल्लीः निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश और गुजरात में एकसाथ विधानसभा चुनाव की घोषणा नहीं करने की वजह बताई. मुख्य चुनाव आयुक्त ने इस बारे में पूछे गए सवालों का जवाब दिया.


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परंपरा का किया गया पालन
मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने कहा, ‘आयोग वास्तव में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करने में परंपरा का पालन करता है. आयोग ने पिछली परंपरा का अनुसरण किया.’ साल 2017 में दोनों राज्यों में अलग-अलग तारीखों पर चुनाव की घोषणा की गई थी, लेकिन मतगणना 18 दिसंबर को एकसाथ हुई थी. 


निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा की. अधिसूचना 17 अक्टूबर को जारी की जाएगी और मतदान 12 नवंबर को होगा. मतों की गिनती 8 दिसंबर को होगी. 


क्या 8 दिसंबर को होगी गुजरात में मतगणना?
यह पूछे जाने पर कि क्या गुजरात के लिए मतों की गिनती 8 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश के साथ ही होगी, कुमार ने कहा, ‘जब हम गुजरात चुनाव की घोषणा करेंगे, तो हम आपको यह बताएंगे.’ तकनीकी रूप से नवंबर-दिसंबर की अवधि में गुजरात चुनाव कराना अभी भी संभव है, ताकि मतों की गिनती एक ही दिन की जा सके. जैसा कि 2017 में हुआ था. 


विपक्षी नेताओं ने लगाया आरोप
कुछ विपक्षी नेताओं ने कहा कि गुजरात चुनाव की घोषणा बाद में करने से मौजूदा सरकार को आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले और अधिक कल्याणकारी योजनाओं को शुरू करने का मौका मिल सकता है. कुमार ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने परंपरा का पालन करते हुए वास्तव में इसे 'परिष्कृत' किया. 


उन्होंने कहा कि 2017 और 2012 में जब दोनों चुनाव साथ हुए थे, तब आदर्श आचार संहिता की अवधि 70 दिनों से घटाकर 57 दिन (2017) और 81 दिनों से घटाकर 57 दिन (2012) कर दी गई थी. साल 2017 के चुनाव की तुलना में परिणाम का इंतजार दो हफ्ते कम कर दिया गया है. 


हिमाचल में मौसम बहुत महत्वपूर्ण कारक
सीईसी ने कहा, '... चुनाव की तैयारी और संचालन बहुत विस्तृत कवायद है और इसमें विभिन्न कारकों, सभी हितधारकों के साथ परामर्श और अन्य कारकों को ध्यान में रखा जाता है.' उन्होंने कहा कि एक चुनाव के परिणाम का दूसरे पर प्रभाव जैसे मुद्दों पर भी विचार किया जाता है. उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में मौसम बहुत महत्वपूर्ण कारक है, खासकर ऊंचाई वाले इलाकों में. 


कुमार ने कहा, 'हर चीज की पड़ताल करने के बाद, निर्वाचन आयोग ने उस परंपरा का पालन करने का फैसला किया, जिसका पालन पिछली बार किया गया था...एक ओर हमने परंपरा का पालन किया, वहीं उसे परिष्कृत भी किया, ताकि आदर्श आचार संहिता की अवधि अनावश्यक रूप से न बढ़े.'


फरवरी में खत्म होगा गुजरात विधानसभा का कार्यकाल
हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभाओं का कार्यकाल क्रमशः 8 जनवरी, 2023 और 18 फरवरी, 2023 को समाप्त होगा. साल 2017 में, हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिये 9 नवंबर को मतदान हुआ था, जबकि गुजरात में - 9 दिसंबर और 14 दिसंबर को मतदान हुआ था.


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