कांग्रेस नेता शशि थरूर का बड़ा बयान, लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी बीजेपी
कोझिकोड समुद्र तट पर आयोजित केरल साहित्य महोत्सव (केएलएफ) के दौरान कांग्रेस नेता शशि थरूर ने लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ी बात कही. इस बात पर जोर देते हुए कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी, थरूर ने कहा कि ऐसी संभावना है कि मौजूदा सरकार का संख्या बल थोड़ा कम हो सकता है.
नई दिल्लीः कोझिकोड समुद्र तट पर आयोजित केरल साहित्य महोत्सव (केएलएफ) के दौरान कांग्रेस नेता शशि थरूर ने लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ी बात कही. इस बात पर जोर देते हुए कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी, थरूर ने कहा कि ऐसी संभावना है कि मौजूदा सरकार का संख्या बल थोड़ा कम हो सकता है.
'सभी राज्यों में पूर्ण समझौता जरूरी नहीं'
उन्होंने कहा, 'मुझे दृढ़ता से लगता है कि उन्हें उस स्तर तक नीचे लाया जा सकता है, जहां कई संभावित सहयोगी उनके साथ शामिल नहीं होना चाहेंगे.' उन्होंने कहा कि यह देखते हुए कि भारत के विविध रंग हैं, यह महत्वपूर्ण नहीं है कि इंडिया गठबंधन को सभी राज्यों में पूर्ण समझौता करना पड़े.
केरल में सीपीएम-कांग्रेस में सहमति कठिन
इंडिया गठबंधन के सदस्यों के बीच सीट-बंटवारे के मुद्दे पर बात करते हुए थरूर ने रोकी जा सकने वाली हार सुनिश्चित करने के लिए अधिक से अधिक राज्यों में एक व्यवस्था की उम्मीद जताई. कांग्रेस नेता ने केरल और तमिलनाडु का उदाहरण देते हुए टिप्पणी की, केरल में यह कल्पना करना कठिन है कि सीपीएम और कांग्रेस सीट बंटवारे पर सहमत होंगे. हालांकि, तमिलनाडु में सीपीआई, सीपीएम, कांग्रेस और डीएमके एक साथ हैं और कोई विवाद नहीं है.
उन्होंने कहा कि उन्होंने पिछला चुनाव साथ मिलकर लड़ा था और इस बार भी लड़ने की संभावना है.
केवल वाराणसी के लोग मोदी को दे सकते हैं वोट
उन्होंने कहा कि लोगों को इस तथ्य से परिचित कराना जरूरी है कि उनके निर्वाचन क्षेत्र से सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवार को चुना जाना चाहिए. हर किसी को पता होना चाहिए कि केवल वाराणसी के लोग (नरेंद्र) मोदी को वोट दे सकते हैं. खैर, अगर अन्य जगहों पर वे केवल यह सुनिश्चित करने के लिए मतदान करना चाहते हैं कि मोदी प्रधानमंत्री बनें, तो यह पूरी तरह से उनकी पसंद है. हालांकि, लोगों को यह सोचने की जरूरत है कि क्या वे एक प्रभावी प्रशासक चाहते हैं, जो उनके क्षेत्र के लिए अच्छा हो.
मालदीव की चीन से नजदीकी को लेकर हों सतर्क
वहीं उन्होंने रविवार को चेन्नई में ‘तुगलक’ पत्रिका की 54वीं वर्षगांठ पर भारत-मालदीव संबंधों को लेकर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि भारत को मालदीव की चीन से निकटता को लेकर निश्चित रूप से सतर्क रहना चाहिए और सरकार को इससे होने वाले खतरे के बारे में अवगत होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि चीन, भारत की सीमा पर अपना प्रभाव बढ़ाने का प्रयास कर रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद मालदीव-भारत राजनयिक विवाद का जिक्र करते हुए थरूर ने कहा, 'हमें मालदीव सरकार की चीन के साथ बढ़ती निकटता पर बारीकी से नजर रखनी होगी.'
चीन हमारे सभी पड़ोसी देशों में बढ़ा रहा प्रभाव
पूर्व विदेश राज्य मंत्री थरूर ने कहा, 'इस तथ्य में कोई संदेह नहीं है कि चीन हमारे सीमा क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने का प्रयास कर रहा है. बिना किसी अपवाद के वह (चीन) हमारे सभी पड़ोसी देशों में तेजी से अपना प्रभाव बढ़ा रहा है. हमें (भारत) निश्चित रूप से सतर्क रहना चाहिए और हमारी सरकार को उन खतरों के बारे में पता होना चाहिए.'
(इनपुटः भाषा और आईएएनएस हिंदी)
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.