दिल्ली में कांग्रेस की ट्वेन्टी-ट्वेन्टी, फाइनल कर लीं 20 सीटें
कांग्रेस ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कमर कस ली है और अपने प्रत्याशियों के नामों पर माथा-पच्ची करने के बाद बीस सीटें फाइनल करने में कामयाब हो गई है..
नई दिल्ली. देश में भले ही न हो लेकिन दिल्ली में तो कांग्रेस डूबता जहाज है. यहां सीधा मुकाबला केजरीवाल की पार्टी का भारतीय जनता पार्टी से है. कांग्रेस तो बस वोट काटने के लिए मैदान में है. खैर, संविधान प्रदत्त अधिकार का फायदा उठाते हुए ये पार्टी भी दिल्ली में ज़ोर आजमाइश कर रही है.
बीस सीटों पर प्रत्याशी तय हुए
कांग्रेस दिल्ली चुनावों के लिए अपने प्रत्याशियों की लिस्ट तैयार करने में लगी है और अब तक दिल्ली विधानसभा की सत्तर सीटों में से कांग्रेस ने बीस प्रत्याशी तय करने में कामयाबी पा ली है. अगर सोनिया गांधी ने चाहा तो बाकी सीटों पर जानकारी भी आज रात तक आ सकती है.
हमेशा की तरह हो सकती है टूट-फूट
सीट बंटवारा कांग्रेस के लिए आसान काम नहीं होगा. बरसों से यहां नेतागिरी करने वाले पुराने कांग्रेसी नेता अपना नाम इस लिस्ट से बाहर देखना पसंद नहीं करेंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि फाइनल हुई इन 20 सीटों में से ज्यादातर पर कोई विवाद नहीं होगा किन्तु कुछ सीटों पर कुछ बड़े नेताओं के लिए अशुभ समाचार आ सकता है.
कांग्रेस का वंशवाद दिल्ली में भी
कांग्रेस पार्टी के पुरोधा गांधी परिवार की सलामी बजाते-बजाते वंशवाद अब दिल्ली के नेताओं के खून में भी बस गया है. इसकी सीधी बानगी देखी जा रही है दिल्ली चुनावों के पहले इस 'टिकट बांटो' कार्यक्रम में. टिकट खांटी के कांग्रेसी नेताओं को तो मिल रहा है लेकिन नेताओं के बच्चों को भी खुलेआम ये रेवड़ी बांटी जा रही है.
पैंतीस नाम तय तो हैं पर मुहर लगनी बाकी है
पैंतीस सीटों पर नाम तय करने का काम पूरा हो गया है लेकिन सोनिया गाँधी ने अब तक उन पर अपनी मुहर नहीं लगाईं है. इस औपचारिकता की पूर्ति के बिना इन पैंतीस नामों का कोई मतलब नहीं है इस मजबूरी में उनको सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है.
तीन दिन से चल रही है माथा-पच्ची
कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेंट पिछले तीन दिनों से नाम लिख-लिख कर मिटा रही है लेकिन अब तक आधे नाम भी लिस्ट में नहीं लिख पाई है. सोनिया से लिखित आदेश की प्राप्ति के पूर्व राहुल से मौखिक आदेश भी प्राप्त किये जा रहे हैं. बड़े-बड़े लोगों के फोन आ रहे हैं तो कई बड़े लोग खुद ही कांग्रेस कार्यलय पहुंच कर डेरा डाल चुके हैं. सब को खुश करने का फार्मूला नाकाम नज़र आ रहा है इसलिए अब स्क्रीनिंग कमेटी कुछ को खुश करने की कोशिश में लगी है जिस पर फाइनल फैसला आज देर रात तक हो जाने की संभावना है.
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