नई दिल्ली: CM Nayab Singh Saini Seat: हरियाणा में भाजपा ने विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. इसमें CM नायब सिंह सैनी को लाडवा (Ladwa) चुनावी मैदान में उतारा गया है. हालांकि, नायब सिंह सैनी करनाल (Karnal) से चुनाव लड़ने के इच्छुक थे. उन्होंने ये खुद कहा था कि वे करनाल से चुनाव लड़ेंगे. लेकिन पार्टी ने CM की इच्छा को दर किनार कर फैसला लिया है. लेकिन सवाल ये उठता है कि किस नेता ने CM के साथ खेला कर दिया?


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CM ने कहा था- मैं करनाल से चुनाव लड़ूंगा
हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने 30 अगस्त को कहा था- CM सैनी कुरुक्षेत्र की लडवा सीट से चुनाव लड़ेंगे. जब यही बार CM नायब सिंह सैनी से पूछी गई तो वे चौंक गए. उन्होंने पत्रकारों से कहा था- आप चिंता क्यों करते हैं, मैं करनाल से चुनाव लड़ूंगा. फिर पत्रकारों ने उनसे कहा कि प्रदेश अध्यक्ष बडौली ने कहा है कि आप लडवा से चुनाव लड़ेंगे. इस पर सैनी बोले- वह प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष हैं. उनके पास मुझसे ज्यादा जानकारी है.'


हरियाणा के पूर्व CM ने कर दिया खेला
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो वर्तमान CM की सीट बदलवाने में पूर्व CM मनोहरलाल खट्टर और उनके ग्रुप के नेताओं का हाथ है. उन्होंने आलाकमान के सामने ऐसे तर्क रखे, जिनके आधार पर CM सैनी को करनाल से टिकट नहीं मिला. दरअसल, खट्टर ग्रुप का मानना था कि नायब सिंह सैनी करनाल से चुनाव लड़ते हैं तो खट्टर के करीबी कई लोकल नेताओं का सियासी करियर खत्म हो सकता है.


CM को इस कारण नहीं मिली करनाल से टिकट
जातीय समीकरण: किसान आंदोलन के बाद से ही पंजाबी वोटर भाजपा के खिलाफ हैं. करनाल सीट पर 63 हजार पंजाबी वोटर हैं. नायब सिंह सैनी OBC हैं. OBC के वोट मात्र 5800 के आसपास हैं. लिहाजा, खट्टर ग्रुप ने ये पक्ष मजबूती से रखा कि जातीय समीकरण के हिसाब से CM सैनी के लिए ये सीट सेफ नहीं है. 


बाहरी उम्मीदवार: CM नायब सिंह सैनी पर बाहरी होने का ठप्पा लगा था. वे करनाल से नहीं हैं. खट्टर ग्रुप ने तर्क रखा कि स्थानीय नेता सैनी की उम्मीदवारी की खिलाफत कर सकते हैं. चुनावी भीतरघात का भी शिकार हो सकते हैं.


खट्टर की पकड़: पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर नहीं चाहते थे कि करनाल सीट उनके हाथ से निकले. लिहाजा, उन्होंने यहां से अपने मीडिया सलाहकार रहे जगमोहन आनंद को टिकट दिला दी. CM सैनी यहां से चुनाव लड़ते तो ये सीट खट्टर के हाथ में नहीं रहती. सियासी रूप से खट्टर कमजोर होते, जो उन्हें मंजूर नहीं था.


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