ताजपोशी से पहले हेमंत जाएंगे रिम्स, लेंगे लालू यादव का आशीर्वाद
झारखंड के चुनावी जंग पर पूर्ण विराम लग गया. यह तय भी हो गया कि यहां महाराष्ट्र और हरियाणा वाली सूरत नहीं होगी. 27 दिसंबर को हेमंत सोरेन की ताजपोशी है. उससे पहले वे राजद के मुखिया लालू यादव से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद लेने जा रहे हैं जिन्होंने अस्पताल में बैठे-बैठे उनकी कई तरीके से मदद की.
रांची: झारखंड में भगवा झंड की चमक को फीका कर हरे झंडे को लहलहा देने में सफल हुए झामुमो के नेतृत्वकर्ता हेमंत सोरेन के सर पर जल्द ही ताज सजने वाला है. लेकिन ताजपोशी से पहले सोरेन बड़ों का आशार्वाद लेना चाहते हैं और मार्गदर्शकों का धन्यवाद करना चाहते हैं. जितने के बाद से हेमंत सोरेन ने राहुल गांधी से लेकर सोनिया गांधी, लालू यादव और तेजस्वी यादव का धन्यवाद किया. अब वे राजद सुप्रीमो से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद लेने जाने वाले हैं. झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले हेमंत सोरेन रांची रिम्स में लालू यादव से मुलाकात करने पहुंच सकते हैं.
कमाल का रहा झामुमो का स्ट्राइक रेट
झारखंड में पांच सालों तक भाजपा की सरकार रहने के बाद झामुमो महागठबंधन ने इस चुनाव में रघुबर दास को और तमाम भाजपा के पुराने नेताओं को धूल चटाई. जादुई आंकड़े को पार करने वाली महागठबंधन में झामुमो को कांग्रेस और राजद से भी अच्छा साथ मिला.
झामुमो ने जहां 30 सीटों पर जीत दर्ज की, वहीं कांग्रेस ने 16 सीटों पर कब्जा जमाया और राजद के पाले में 1 ही सीट आ सकी. इस बार भाजपा अगर झामुमो से आगे रही तो वह सिर्फ वोट प्रतिशत में ही. 43 सीटों में से 30 सीटें जीत कर झामुमो का स्ट्राइक रेट कमाल का रहा है जबकि भाजपा ने 80 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे और मात्र 25 ही अपने पाले में कर सकी.
लालू यादव ने सीट समीकरणों पर तेजस्वी को समझाया
इससे पहले सीट बंटवारे के समय राजद के मुखिया लालू यादव ने मांडवाली कर समीकरणों को तय करने में अहम योगदान दिया था. दरअसल, तेजस्वी यादव झारखंड में अपने पसंद की सीटों पर ज्यादा जगहों से चुनाव लड़ने का मन बना रहे थे लेकिन लालू यादव के समझाने के बाद तेजस्वी यादव ने सीट समीकरणों पर सहमति जताई. हालांकि राजद को मिले 7 सीट में से वह एक ही जीत पाई.
हेमंत सोरेन का भाजपा को रोकने का अचूक फॉर्मूला जो निशाने पर लगा
हेमंत सोरेन रांची के मोरहाबादी मैदान में भव्य आयोजन के साथ शपथ लेंगे. इस दौरान उन्होंने गैर-भाजपा शासित राज्यों के मुखिया को आमंत्रित किया है. उससे पहले वे लालू यादव से मिल कर राज्य का कार्यभार संभालने से पहले कुछ सीख लेना चाहते हैं और उनका धन्यवाद भी करना चाहते हैं.
हेमंत सोरेन को झारखंड में इस बार भाजपा के रथ को रोकने का फॉर्मूला मिल गया था. एक तो राज्य का मुख्यमंत्री बाहरी था और ऊपर से गैर-आदिवासी. इन समीकरणों के सहारे उन्हें आदिवासी बाहुल्य राज्य में आदिवासी समाज का भरपूर सहयोग मिला.
मंत्रिमंडल का फॉर्मूला भी हो गया है तय
अब चुनाव जीतने के बाद कार्यभार संभालने जा रहे हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद मंत्रिमंडल का भी गठन करेंगे. सूत्रों के हवाले से यह खबर मिली कि मंत्रिमंडल के लिए किस पार्टी की कितनी हिस्सेदारी होगी यह तय कर लिया गया है. झामुमो के 5, कांग्रेस के 5 और राजद के एक मंत्री राज्य में मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं.