नई दिल्ली: Lok Sabha Election 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को धन्यवाद प्र्द्ताव पर बात रखते हुए कहा कि इस बार के लोकसभा चुनाव में NDA 400 और BJP 370 सीटें लेकर आएगी. उनके इस दावे के बाद विपक्ष के नेताओं की भी प्रतिक्रिया भी आई. RJD राज्यसभा सांसद मनोज झा ने तो यहां तक कह दिया कि EVM पहले से सेट कर ली गई है क्या? चलिए, ये जानने की कोशिश करते हैं कि पीएम मोदी की इस आंकड़े के पीछे की क्या गणित है. 


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इन 5 राज्यों पर BJP की नजर
यदि BJP और NDA को अपनी स्थिति पहले से भी बेहतर बनानी है तो छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब और महाराष्ट्र में में जी-जान से जुटना होगा. यही ऐसे राज्य हैं, जहां भाजपा के लिए कुछ गुंजाइश बची हुई है. 


छत्तीसगढ़: 2019 के चुनाव में भाजपा को छत्तीसगढ़ में 11 में से 9 सीटें मिली थी. लेकिन इस बार राज्य में भाजपा की पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनी है, इस कारण से BJP को उम्मीद है कि यहां पर पहले से अधिक सीटें आएंगी.


झारखंड: यहां 14 लोकसभा सीटें हैं, 2019 में भाजपा 11 पर जीती. यहां भी भाजपा के पास गुंजाइश बची हुई है. द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाकर भाजपा ने आदिवासी वोट बैंक को भी साधने की कोशिश की है. झारखंड में आदिवासी समुदाय बड़ी तादाद में है. 


पंजाब: राज्य में 13 लोकसभा सीटें हैं, बीते चुनाव में भाजपा केवल 2 सीटें जीत पाई. 2024 के लोकसभा चुनाव में AAP और Congress ने अलग-अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया है. ऐसे में भाजपा इस राज्य में अपने लिए संभावनाएं तलाश रही है. 


महाराष्ट्र: यहां पर लोकसभा की 48 सीटें हैं. 2019 में शिवसेना और BJP ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा. भाजपा 23 सीटें जीती और शिवसेना के पास 18 सीटें गईं. इस बार शिवसेना के दो फाड़ हो गए हैं. भाजपा इस राज्य में अपनी सीटें बढ़ा सकती है. 


उत्तर प्रदेश: 2019 में 80 लोकसभा सीटों में BJP यूपी में 64 सीटें जीत पाई थी. तब SP और BSP का गठबंधन था. लेकिन इस बार ऐसा नहीं है. BJP ने राम मंदिर को भी बड़ा मुद्दा बनाया है, ऐसे में पार्टी यूपी में 8 से 10 सीटों कीई बढ़ोतरी की उम्मीद कर रही है. 


दक्षिण में भी बढ़ानी होंगी सीटें
दक्षिण के राज्यों में BJP कमजोर मानी जाती है. यहां पर कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों का दबदबा मना जाता है. 400 सीटों का सपना पूरा करने के लिए NDA को केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में काया पलट करनी होगी. इन राज्यों 104 लोकसभा सीटें हैं, भाजपा ने 2019 में केवल 4 सीटें जीतीं. ये भी तेलंगाना से जीती थीं. कर्नाटक में भाजपा ने 2019 में 28 में से 25 सीटें जीती. इस बार JDS से गठबंधन कर पार्टी सभी सीटें जीतने की रणनीति बना रही है. 


पूर्वोत्तर के राज्यों में डबल करनी होंगी सीटें
पूर्वोत्तर के राज्यों में भाजपा के पास पाने के लिए काफी कुछ है. इन राज्यों की 25 में से 11 सीटें भाजपा के पास हैं. भाजपा इन्हें डबल करना चाह रही है. इनके अलावा, बंगाल और ओडिशा में पार्टी अपने पुराने परफोर्मेंस से बेहतर करने की उम्मीद कर रही है. 2019 में भाजपा ने ओडिशा की 21 में से 8 लोकसभा सीटें जीती. पश्चिम बंगाल में 42 लोकसभा सीटें हैं. 2019 में 18 सीटें भाजपा ने जीती. इस बार भाजपा ने विधानसभा चुनाव में पहले से अच्छा प्रदर्शन किया था. ममता बनर्जी ने अकेले लड़ने का ऐलान किया है, BJP को इससे भी फायदा हो सकता है. 


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