नई दिल्ली: Rajasthan Assembly Election Result 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पूर्ण बहुमत के साथ जीत दर्ज की है. अब मुख्यमंत्री के चेहरे पर कयास लगाए जा रहे हैं. पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के अलावा भी आधा दर्जन नेता ऐसे हैं, जो राजयोग के भरोसे हैं. लेकिन इसी बीच कुछ नेता ऐसे भी हैं, जिनका मुख्यमंत्री नहीं तो राजस्थान की नई सरकार के मंत्रिमंडल में जाना तय माना जा रहा है. इन चेहरों में बुजुर्ग नेताओं से लेकर युव नेता शामिल हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कौन कौन बन सकते हैं मंत्री?


राज्यवर्धन सिंह राठौड़
कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने झोटवाड़ा से जीत दर्ज की है. उन्होंने कांग्रेस को अभिषेक चौधरी को 50 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है. वे पहले केंद्र में मंत्री भी रह चुके हैं और जयपुर ग्रामीण से सांसद भी हैं. यदि कर्नल को मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाता और वे लोकसभा की बजाय विधानसभा की सदस्यता अपनाते हैं तो वे मंत्री बन सकते हैं. राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को मंत्रिमंडल शामिल कर अहम पद दिया जा सकता है.


किरोड़ी लाल मीणा
राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा से सवाई माधोपुर विधानसभा में जीत दर्ज की है. उन्होंने दानिश अबरार को 22 हजार से अधिक मार्जिन से चुनाव हराया है. किरोड़ी लाल मीणा पहले भी वसुंधरा सरकार में मंत्री रह चुके हैं. उनकी पत्नी गोलमा देवी भी गहलोत सरकार में मंत्री रही हैं. किरोड़ी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबियों में से एक हैं, पीएम खुले मंच से उनकी कई बार तारीफ़ कर चुके हैं.


दीया कुमारी
दीया कुमारी भाजपा विद्याधर नगर से 70 हजार वोटों से जीती हैं. भाजपा ने उन्हें सेफ सीट से उतारा था, तभी संकेत मिल गए थे कि पार्टी ने उनके लिए कुछ बड़ा सोच रखा है. यदि दीया कुमारी मुख्यमंत्री नहीं बनती हैं, तो उन्हें मंत्रिमंड में लिया जाने की पूरी-पूरी संभावना है. 


कालीचरण सराफ
कालीचरण सराफ 7 बार ले विधायक हैं. वे 1975 से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं. पहले वे जौहरी बाजार सीट से चुनाव लड़ा करते थे. परिसीमन के बाद मालवीय नगर को अपने गढ़ के तौर पर विकसित किया. सराफ वसुंधरा सरकार में मंत्री रहे हैं. वे वसुंधरा के भी नजदीकी माने जाते हैं. इन्हें भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है. 


बालकनाथ
योगी बालकनाथ अलवर से सांसद हैं और इस बार तिजारा विधानसभा सीट से इमरान खान को हराया है. वे मुख्यमंत्री पद के दावेदार भी माने जा रहे हैं. यदि बालकनाथ को सीएम पद नहीं मिलता और वे लोकसभा सदस्यता छोड़ देते हैं तो उन्हें नई सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है. 


श्रीचंद कृपलानी
श्रीचंद कृपलानी पहले भी 3 बार विधायक रह चुके हैं. इसके अलावा दो बार सांस भी रहे हैं. 2018 में कृपलानी उदयलाल आंजना से चुनाव हर गए थे. इस बार उन्होंने आंजना को 11 हजार के मार्जिन से हराया है. कृपलानी वसुंधरा सरकार में यूडीएच मंत्री रह चुके हैं. वे राजे के करीबी हैं, फिर से मंत्री बन सकते हैं. 


प्रताप सिंह सिंघवी
बारां की छबड़ा सीट से प्रताप सिंह सिंघवी ने चुनाव जीता है. उन्होंने कांग्रेस के करण सिंह राठौड़ को चुनाव हराया है. वे 6 बार विधायक रह चुके हैं. पहले भी वसुंधरा सरकार में मंत्री रह चुके हैं. वसुंधरा के नजदीकी का फिर फायदा मिल सकता है.  


ये भी पढ़ें- राजस्थान में कांग्रेस तो हार गई, अब सचिन पायलट का क्या होगा?


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.