नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश की 12 बची हुई लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा भारतीय जनता पार्टी रामनवमी यानी 17 अप्रैल के बाद कर सकती है. दरअसल कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि बीजेपी की यह लिस्ट कैसरगंज के बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह की वजह से अटकी हुई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक बृजभूषण इस सीट से चुनाव लड़ने के लिए अड़े हुए हैं. पार्टी लीडरशिप महिला पलवानों वाले विवाद की वजह से चाहती है कि बृजभूषण की जगह उनके परिवार का कोई सदस्य या फिर कोई नजदीकी चुनाव लड़े. 


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विपक्ष को मिल सकता है बड़ा मुद्दा!
बीजेपी लीडरशिप का मानना है कि अगर बृजभूषण सिंह कैसरगंज सीट से चुनाव लड़ते हैं तो विपक्ष को एक बड़ा मुद्दा मिल सकता है. वैसे भी कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी यूपी में 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' के नारे के साथ चुनाव प्रचार अभियान चला चुकी हैं. ऐसी स्थिति में कांग्रेस और सपा का गठबंधन बृजभूषण के सहारे बीजेपी पर हमला बोल सकता है. सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजेपी लीडरशिप दिल्ली की MP-MLA अदालत के फैसले का इंतजार कर रही है.


कोर्ट के फैसले का इंतजार!
दरअसल एक मामले में अंतिम सुनवाई होने वाली है और इसी दिन फैसला भी आ सकता है. माना जा रहा है कि इसी फैसले के बाद बीजेपी की अंतिम लिस्ट भी आ जाएगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक लीडरशिप इस वक्त बृजभूषण के बेटे या फिर पत्नी को चुनावी टिकट देने के लिए राजी है. 


6 बार के लोकसभा सांसद हैं बृजभूषण शरण सिंह
विवादों से नाता रखने वाले बृजभूषण सिंह की गिनती ऐसे नेताओं में होती है जिनकी अपने क्षेत्र में जमीनी पकड़ बहुत मजबूत है. यही कारण है कि बीजेपी लीडरशिप से वह अपनी दावेदारी पर अड़े हुए हैं. बृजभूषण अब तक 6 बार सांसद रह चुके हैं. इनमें पांच बार बीजेपी के टिकट पर तो एक बार समाजवादी पार्टी के टिकट पर. 


 


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