नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई वाली राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट से सोमवार को बड़ी राहत मिली है. देश की सर्वोच्च अदालत ने राज्य में टीचर्स की अवैध नियक्तियों से जुड़े मामले में सीबीआई जांच पर रोक लगा दी है. हालांकि अवैध रूप से भर्ती हुए 25000 शिक्षकों से निष्कासन को लेकर कोर्ट ने अभी कोई राहत नहीं दी है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय कलकत्ता हाईकोर्ट के उस निर्णय के बाद आया है जिसमें ग्रुप सी और ग्रुप डी के नॉन टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति घोटाले के मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. 


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बता दें कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार को बड़ा झटका देते हुए 2016 में टीचर्स की भर्ती को रद्द कर दिया था. कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रास्ता अख्तियार किया था. राज्य सरकार की याचिका पर अब सुप्रीम कोर्ट अगले सोमवार को सुनवाई करेगा. तब तक के लिए सीबीआई जांच पर स्टे लगा दिया गया है.   


क्या है पूरा मामला
दरअसल ये पश्चिम बंगाल के एक बेहत विवादित मामला है जिसमें अब तक टीएमसी के कई नेताओं और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इसी मामले में राज्य के तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी पर भी गाज गिर चुकी है. चटर्जी को गिरफ्तार किया गया था और उसके बाद उनके सहयोगियों के पास से करोड़ों रुपये बरामद किए गए थे. घोटाला साल 2014 का है. इसकी भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत 2016 में हुई थी. नतीजे आने के बाद बाद भर्ती प्रक्रिया पर कई आरोप लगे थे. कम नंबर वैले कैंडिडेट्स के नाम मेरिट लिस्ट में ऊपर पाए जाने के आरोप लगे थे. 


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