नई दिल्ली: Manvendra Singh: राजस्थान में मारवाड़ की सियासत में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. पूर्व सांसद मानवेंद्र ने कांग्रेस छोड़ भाजपा जॉइन कर ली है. वे पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह के बेटे हैं. प्रदेश का बड़ा राजपूत वोट बैंक मानवेंद्र से कनेक्ट करता है. बाड़मेर-जैसलमेर निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. 


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5 लोकसभा सीटों पर सीधा प्रभाव
मानवेंद्र सिंह का प्रभाव मारवाड़ की 5 लोकसभा सीटों पर माना जाता है. इनमें नागौर, बाड़मेर-जैसलमेर, जोधपुर, पालीऔर जालौर-सिरोही हैं. 2004 से 2009 तक मानवेंद्र बाड़मेर-जैसलमेर सीट से सांसद रहे हैं. मानवेंद्र के पिता भी इस सीट से सांसद रहे हैं. 


रविंद्र सिंह भाटी की राह हुई मुश्किल
राजस्थान में 8 से 10% राजपूत वोटर हैं. मारवाड़ के इलाके में इनकी संख्या और अधिक है. बाड़मेर-जैसलमेर सीर पर 20 लाख वोटर हैं. इनमें से 2.5 लाख राजपूत मतदाता  हैं. इस सीट पर कांग्रेस और भाजपा ने जाट प्रत्याशियों को उतारा है. जबकि निर्दलीय रविंद्र सिंह भाटी राजपूत समुदाय से हैं. लिहाजा, राजपूतों का रुझान उनकी तरफ अधिक माना जा रहा है. लेकिन मानवेंद्र सिंह के BJP में आने से भाटी की सियासी राह में मुश्किलें आ गई हैं. 


वैभव की राह में भी रोड़े 
जालौर-सिरोही लोकसभा सीट पर पूर्व CM अशोक गहलोत के बेटे वैभव की राह में भी रोड़े आ सकते हैं. इस सीट पर 22 लाख वोटर हैं, जिनमें से डेढ़ लाख राजपूत व भोमिया मतदाता हैं. मानवेंद्र के आने से इस सीट पर भाजपा के लुंबाराम चौधरी को मजबूती मिल सकती है. 


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