लोकसभा चुनाव के लिए ये रणनीति बना रहे हैं ओमप्रकाश राजभर! समझिए उनकी पार्टी की स्ट्रेटेजी
हाल में सपा से अलग हुए ओमप्रकाश राजभर की पार्टी नगर निकाय चुनाव में अपनी किस्मत आजमाकर अपने को मजबूत बनाने में जुटी है. राजभर की नजर आगामी लोकसभा चुनाव 2024 पर है, जिसे देखते हुए लोकसभा से पहले निकाय चुनाव में राजभर पार्टी की पकड़ आंक रहे हैं.
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हो रहे निकाय चुनाव राजनीतिक दलों के लिए काफी अहम हो गया है. खास कर छोटे दलों के लिए जनता के बीच अपनी पकड़ नापने का जरिए बन चुका है. उसमें अभी हाल में सपा से अलग हुए राजभर की पार्टी इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमाकर अपने को मजबूत बनाने में जुटी है.
लोकसभा चुनाव के लिए राजभर की तैयारी
राजनीतिक जानकारों की मानें तो निकाय चुनाव के परिणाम इन दलों को आकार देने का काम करेंगे. जानकर बताते हैं कि निकाय चुनाव में सुभासपा को मिले जनाधार ही लोकसभा चुनाव में भाजपा और सुभासपा के संबंधों का आधार तय करेगी. इसके आधार पर ही लोस चुनाव के मद्देनजर आगे के रिश्ते का फॉर्मूला तय होगा.
राजनीतिक विश्लेषक प्रसून पांडेय कहते हैं कि निकाय चुनाव के माध्यम से राजभर की पार्टी अपने जनाधार को दिखाना चाहती है. राजभर की रणनीति है कि पूर्वांचल के निकायों में सर्वाधिक उम्मीदवारों को जीताकर या वोट प्रतिशत बढ़ाया जाए. इसी कारण पार्टी के अध्यक्ष समेत सभी नेताओं का ध्यान पूर्वांचल पर ज्यादा हालांकि जहां उम्मीदवार खड़ा वहां भी लोग जा रहे हैं. चूंकि सुभासपा लोकसभा चुनाव में मऊ, बलिया और गाजीपुर जिले के ही किसी सीट से चुनाव लड़ना चाहती है, इसलिए इन तीन जिलों के संबंधित निकायों में ही बेहतर परिणाम लाने को लेकर अधिक सक्रिय है ताकि लोकसभा चुनाव में इसी के आधार पर मोलभाव कर सकें.
निकाय चुनाव में किस्मत आमजा रही है सुभासपा
ओमप्रकाश राजभर का फोकस बड़े नगर निगम के बजाय छोटे निकायों पर अधिक है. इसीलिए नगर निगम में छह, पालिका में 62 और नगर पंचायतों में 102 उम्मीदवार उतारे हैं. उन्होंने पूर्वांचल के साथ पश्चिम में भी प्रत्याशी उतार कर एक संदेश देने की कोशिश की है. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि हमारी पार्टी निकाय चुनाव पूरी ताकत से लड़ रही है. निकाय चुनाव में दमदारी से जीत दर्ज करते हुए 2024 के लोकसभा चुनाव की रणनीति तय की जाएगी.
विधानसभा चुनाव के बाद सुभासपा व सपा में तलाक हो गया था, इसके बाद ओम प्रकाश राजभर ने भाजपा से भी नजदीकियां बढ़ाईं और राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा की राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया. तभी से उनका रुख कुछ भाजपा की तरफ होने लगा था. हालांकि भाजपा ने निकाय चुनाव में इनके साथ गठबंधन नहीं किया. सुभसपा अपने दम पर चुनाव मैदान में है.
(इनपुट- आईएएनएस)
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