पायलट की उड़ान... सचिन के इस `कॉकटेल` ने राजस्थान में BJP को चखाई हार!
Sachin Pilot Performance in Rajasthan: राजस्थान में भाजपा इस बार 14 सीटें जीत पाई है. इंडिया गठबंधन ने 11 सीटों पर जीत दर्ज कर भाजपा को बड़ा नुकसान पहुंचाया है. बीते दो चुनाव में राजस्थान में भाजपा का स्ट्राइक रेट 100% रहा.
नई दिल्ली: Sachin Pilot Performance in Rajasthan: राजस्थान में भाजपा का प्रदर्शन बीते दो लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार निराशाजनक रहा है. 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में राजस्थान में भाजपा (NDA) को 25 में से 25 सीटें मिली थीं. लेकिन इस बार भाजपा 14 सीटें ही जीत पाई, करीब 11 सीटें INDIA के खाते में गईं. भाजपा को सबसे बड़ा झटका पूर्वी राजस्थान में लगा, जो सचिन पायलट के प्रभाव वाला इलाका माना जाता है.
पूर्वी राजस्थान में पायलट ने दिलाई जीत
पूर्वी राजस्थान में मीणा और गुर्जर वोटों की बड़ी संख्या है. सचिन पायलट की गुर्जर समाज पर पकड़ है. पायलट ने गुर्जर वोट बैंक कांग्रेस प्रत्याशियों के पक्ष में ट्रांसफर करवाया. पायलट ने दौसा, भरतपुर, करौली-धौलपुर और टोंक-सवाईमाधोपुर सीट पर जीत कांग्रेस को जीत दिलाई. जबकि अलवर में कांग्रेस हार गई.
पायलट का ये कॉम्बिनेशन काम आया
दरअसल, पूर्वी राजस्थान में मीणा और गुर्जर वोटों का दबदबा है. यदि इन दोनों वोटर्स को मिला दें तो ये करीब 13% हैं. चुनावी बाजी पलटने के लिहाज से ये काफी बड़ी संख्या है. आमतौर पर मीणा और गुर्जर एकसाथ वोट नहीं देते, दोनों जातियों के बीच संघर्ष का लंबा इतिहास रहा है. लेकिन इस बार सचिन पायलट दोनों जातियों को साधने में कामयाब रहे.
पायलट के ये समर्थक जीते
सचिन पायलट ने अपने कई समर्थकों को टिकट दिलवाया था. इनमें से ज्यादातर जीत दर्ज की. भरतपुर से संजना जाटव, दौसा से मुरारीलाल मीणा, टोंक-सवाई माधोपुर से हरीश मीणा और झुंझुनूं से बृजेन्द्र ओला जीते हैं.
किरोड़ीलाल मीणा बोले थे- पायलट को नहीं मांगने पड़ते वोट
राज्य सरकार में मंत्री किरोड़ीलाल मीणा पूर्वी राजस्थान के बड़े नेता हैं. कहते हैं कि मीणा समाज को किरोड़ी इशारा कर देते हैं, उसी तरफ उनका वोट चला जाता है. लेकिन इस बार किरोड़ी की पारंपरिक सीट दौसा में भी कांग्रेस 2 लाख से अधिक वोटों के मार्जिन से हारी है. किरोड़ी ने चुनावी सभाओं में यहां तक कह दिया था कि पायलट कभी अपनी जाति वालों से वोट मांगने नहीं जाते, फिर मुझे क्यों आना पड़ता है. किरोड़ी ने कहा था कि दौसा में भाजपा हारी तो वे मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे. आगामी दिनों में किरोड़ीलाल मीणा राजस्थान सरकार के मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे सकते हैं.
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