नई दिल्लीः राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में पार्टी महाविकास अघाडी (एमवीए) सहयोगियों की तुलना में कम सीट पर चुनाव लड़ने पर राजी हो गई थी लेकिन विधानसभा चुनाव में ऐसा नहीं होगा. पार्टी के एक नेता ने राकांपा (एसपी) प्रमुख शरद पवार का हवाला देकर यह बात कही. 


शरद पवार ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ की बैठक


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दरअसल शरद पवार ने शुक्रवार को पुणे शहर और जिले के पार्टी पदाधिकारियों के साथ एक बैठक की थी. इसके बाद उन्होंने विधायकों और नवनिर्वाचित सांसदों के साथ भी एक बैठक की थी. राकांपा (शरदचंद्र पवार) पुणे इकाई के प्रमुख प्रशांत जगताप पहली बैठक में शामिल हुए थे. 


'विधानसभा में स्थिति अलग होने के दिए हैं संकेत'


प्रशांत जगताप ने बताया कि बैठक में शरद पवार ने सदस्यों से कहा कि पार्टी ने लोकसभा चुनाव में कम सीटों पर चुनाव सिर्फ इसलिए लड़ा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि शिवसेना और कांग्रेस के साथ गठबंधन बरकरार रहे. जगताप ने कहा, 'उन्होंने संकेत दिए हैं कि विधानसभा चुनाव में स्थिति अलग होगी.'


उन्होंने बताया कि राकांपा (शरद पवार) प्रमुख ने पुणे, बारामती, मावल और शिरूर संसदीय क्षेत्रों में आने वाले विधानसभा क्षेत्रों में स्थिति की भी समीक्षा की. 


सांसदों-विधायकों को चुनाव के लिए तैयार रहने का निर्देश


वहीं दूसरी बैठक में शामिल हुए पार्टी के एक अन्य नेता ने बताया कि शरद पवार ने सांसदों और विधायकों से विधानसभा चुनावों के लिए तैयार रहने को कहा है. इस बीच पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल ने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि वह सीट बंटवारे के दौरान कितनी सीटें मांगेगी.


वहीं राकांपा (एसपी) के वरिष्ठ नेता अनिल देशमुख ने कहा, महाविकास अघाड़ी में कोई बड़ा या छोटा भाई नहीं हैं. सभी समान हैं. उन्होंने दावा किया कि अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के विधायकों में से कुछ ने जयंत पाटिल और अन्य राकांपा (एसपी) नेताओं को फोन किया किया था. उनके साथ क्या किया जाएगा, ये देखते हैं. बता दें कि लोकसभा चुनाव में राकांपा (एसपी) ने 8 सीटें जीती थीं.


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