नई दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने को इच्छुक नहीं हैं. हालांकि कुछ विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति भवन की दौड़ में उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया है. यह कहना पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का है.


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शरद पवार ने कई नेताओं से की मुलाकात


सोमवार को शरद पवार ने महाराष्ट्र सरकार में राकांपा के मंत्रियों के साथ मुलाकात की, जिसके बाद यह मुद्दा चर्चा के लिए आया. बैठक में शामिल राकांपा के मंत्री ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह ने रविवार को पवार से मुलाकात की और भारत के अगले राष्ट्रपति के चुनाव के लिए राकांपा प्रमुख को अपनी पार्टी के समर्थन की पुष्टि की.


यह चुनाव 18 जुलाई को होना है. पिछले हफ्ते, जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे राज्यसभा चुनाव के सिलसिले में मुंबई में थे, तो उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में पवार के नाम की वकालत की.


पवार की उम्मीदवारी के लिए ममता से चर्चा


खड़गे ने कहा कि कांग्रेस ने पवार की उम्मीदवारी को लेकर ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से भी सलाह-मशविरा किया था.


वहीं राकांपा के मंत्री ने कहा, 'लेकिन, मुझे नहीं लगता कि वह इसके (चुनाव लड़ने) लिए इच्छुक हैं. साहेब (पवार) जन नेता हैं और वह लोगों से मिलना पसंद करते हैं. वह खुद को राष्ट्रपति भवन तक सीमित नहीं रखेंगे.'


2024 के लोकसभा चुनाव के लिए पवार की जरूरत?


उन्होंने कहा कि इससे भी ज्यादा अहम यह है कि पवार वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष को एक-साथ लाने की कोशिश में व्यस्त हैं. कांग्रेस राष्ट्रपति चुनाव के वास्ते एक साझा उम्मीदवार के लिए अन्य विपक्षी दलों से संपर्क कर रही है.


भाजपा नीत राजग राष्ट्रपति चुनाव में अपने उम्मीदवार को आसानी से जीता सकता है, क्योंकि उसके पास करीब 50 फीसदी वोट हैं. राष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों के साथ-साथ राज्यों के विधायक वोट डालते हैं.


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