नई दिल्ली: Smriti Irani: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आने लगे हैं. केंद्रीय मंत्री और अमेठी से भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी रुझानों में पीछे चल रही हैं. ईरानी का मुकाबला कांग्रेस के किशोरी लाल शर्मा से है. अमेठी सीट के रुझानों ने पूरे देश को चौंका दिया दिया है. केएल शर्मा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनोया गांधी के करीबी हैं. ऐसा कहा जाता है कि अमेठी और रायबरेली लोकसभा क्षेत्र में शर्मा गांधी परिवार के आंख-कान हुआ करते थे.


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बीते लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के नता राहुल गांधी को 50 हजार से अधिक वोटों के अंतर से चुनाव हराया था. ईरानी के लोकसभा चुनाव में पिछड़ने के पीछे कई कारण रहे हैं. आइए, जानते हैं कुछ मुख्य कारण.


ये तीन कारण अहम
1. आम कार्यकर्ताओं की अनदेखी:
अमेठी में भाजपा के कई कार्यकर्ताओं का ये आरोप है कि स्मृति ईरानी ने उनकी अनदेखी की. उन्होंने स्थानीय कार्यकर्ताओं को तरजीह नहीं दी.


2. जनता से डायरेक्ट कनेक्शन नहीं: अमेठी के कई लोगों का कहना है कि स्मृति ईरानी का जनता से सीधा कनेक्शन नहीं है. चूंकि वे केंद्रीय मंत्री हैं इसलिए उनके पास प्रभुत्वशाली लोग आसानी से पहुंच पाते हैं.


3.चुनाव हल्के में लिया: पहले अमेठी सीट से राहुल गांधी के उतरने की संभावना थी. लेकिन बाद में केएल शर्मा को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया. भाजपा के कार्यकर्ताओं ने शर्मा को हल्के में लिया. उतना जोर नहीं लगाया, जितना 2019 में लगाया गया था.


2019 में स्मृति ने राहुल को हराया था
बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी को 468514 वोट मिले थे. जबकि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को 413394 मत प्राप्त हुए थे. हालांकि, इस बार राहुल गांधी ने अमेठी छोड़कर रायबरेली से चुनाव लड़ने का फैसला किया. ये खबर बनाने तक राहुल गांधी रायबरेली लोकसभा सीट से आगे चल रहे हैं.


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