नई दिल्ली. कर्नाटक विधानसभा के चुनाव में अभी करीब 8 महीने का वक्त बाकी है लेकिन एक नेता को लेकर चर्चा जोर पकड़ चुकी है. ये नेता न ही किसी पार्टी के प्रत्याशी हैं और न ही किसी पार्टी में बड़े पद पर हैं. इनका नाम है यूसुफ शरीफ उर्फ KGF बाबू. राजधानी बेंगलुरु की मिलर रोड पर इनका घर है और ये आजकल कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मिलने में व्यस्त हैं. 


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न्यूज़18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक KGF बाबू ने खुद को चिकपेट विधासनभा से 'टिकट का आकांक्षी' बताते हुए बड़ी घोषणा कर डाली है. उनका प्लान है कि वो अपने पर्सनल फंड में से विधानसभा के लिए 350 करोड़ रुपये खर्च करेंगे. एक मेनिफेस्टो में उन्होंने कहा है कि इस रकम में से चिकपेट विधानसभा के हर परिवार को 5 हजार रुपये दिए जाएंगे. ये पैसे एजुकेशन और वेलफेयर स्कीम के लिए होंगे. ये रकम अगले पांच सालों में यानी 2022 से 2027 के बीच खर्च किए जाएंगे. 


'मैं चिकपेट के लोगों की मदद करना चाहता हूं'
केजीएफ बाबू की इस घोषणा के बाद उनके घर पर लोगों का तांता लग गया है. वो अपने 'चेक वितरण' अभियान को लेकर लोगों से चर्चा भी कर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक केजीएफ बाबू का कहना है- मैं चुनाव को ध्यान में रखकर ये पैसे नहीं बांट रहा हूं. मैं चिकपेट के लोगों की मदद करना चाहता हूं. इसी जगह पर मैं बड़ा हुआ हूं. मैं उस समाज को कुछ वापस करना चाहता हूं. मैं बीते कई वर्षों से सामाजिक कार्य कर रहा हूं. आप मुझे अब देख रहे हैं लेकिन मेरा काम बहुत पहले शुरू हो चुका है.'


कांग्रेस से चुनाव लड़ चुके हैं केजीएफ
कांग्रेस कार्यकर्ता केजीएफ बाबू पहली बार तब चर्चा में आए थे जब एमएलसी चुनाव के दौरान उन्होंने अपनी संपत्ति 1743 करोड़ रुपये घोषित की थी. इसी के बाद वो राज्य के सबसे अमीर नेता भी बन गए थे. इससे पहले तक 1200 करोड़ की संपत्ति घोषित करने वाले एमटीबी नागराज सबसे अमीर नेता थे. हालांकि केजीएफ बाबू एमएलसी का चुनाव 397 वोट से हार गए थे. 


क्या हाईकमान से मिल गई है मंजूरी?
जब बाबू से पूछा गया कि क्या उनकी इस भारी-भरकम स्कीम के लिए कांग्रेस हाईकमान की तरफ से हरी झंडी मिल गई है? तो उन्होंने कहा कि 31 अगस्त के पहले उन्हें इसकी मंजूरी मिल सकती है. यही वो तारीख है जब से वो 'चेक वितरण' अभियान शुरू करना चाह रहे हैं. मेनिफेस्टो मुताबिक चिकपेट विधानसभा के 50 हजार परिवारों को यह चेक दिए जाएंगे. 


बाबू का दावा- कोलार में पहले भी कर चुके हैं ऐसा प्रयोग
बाबू का दावा है कि उनके जन्म स्थल कोलार में भी ऐसा प्रयोग किया जा चुका है. वहां पर 25 हजार परिवार लाभ उठा चुके हैं. वो कहते हैं- पहले मेरा प्लान इस योजना पर 100 करोड़ खर्च करने का था लेकिन दोस्तों और पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलने के बाद यह रकम बढ़ती गई. अब मैं 350 करोड़ रुपये खर्च करूंगा. 

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