रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव की 81 सीटों पर चुनाव नतीजे आ गए . भाजपा को सबसे बड़ा झटका मुख्यमंत्री रघुवर दास के तौर पर लगा. वो खुद भी चुनाव हार गये. इसके साथ झारखंड में मुख्यमंत्री के चुनाव हारने का रिकॉर्ड बरकरार रहा. रघुवर के अलावा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा, स्पीकर दिनेश उरांव और कई मंत्री चुनाव हार गये.


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चक्रधरपुर से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भी चुनाव हारे 



मुख्यमंत्री रघुवर के बाद राज्य में भाजपा के लिए बड़ा झटका प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा की हार को माना जा रहा है. लक्ष्मण को झामुमो के सुखराव उरांव ने 12 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है. तीसरे नंबर पर यहां आजसू के रामलाल मुंडा रहे हैं और उन्हें 17199 वोट मिले. लक्ष्मण गिलुआ इस सीट से दो बार चुनाव हार चुके हैं। सिर्फ 2009 में उन्होंने जीत दर्ज की थी.


विधानसभा अध्यक्ष को मिली करारी शिकस्त



सिसई से विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव को करारी शिकस्त मिली. उन्हें झामुमो के जिगा सुसारन होरो ने 34418 वोटों से हराया। यहां तीसरे नंबर पर नोटा  रहा है। 5013 वोटर्स ने इस सीट पर नोटा का इस्तेमाल किया. झारखंड में हुए पिछले तीन विधानसभा चुनाव में विधानसभा अध्यक्ष चुनाव नहीं जीत सके हैं. इससे पहले मृगेन्द्र प्रताप सिंह, आलमगीर आलम, शशांक शेखर भोक्ता भी विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद चुनाव लड़ा था, जिसमें वह हार गए.


दुमका से लुईस मरांडी हारीं



समाज कल्याण मंत्री डॉ. लुइस मरांडी को भाजपा ने दुमका से टिकट दिया था. 2014 में लुइस ने इसी सीट पर हेमंत सोरेन को हराया था. इस बार भी मुकाबला लुइस और झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के बीच का था. शुरुआती राउंड में लुइस ने हेमंत को कड़ी टक्कर दी, लेकिन अंतिम नतीजों में हेमंत ने लुइस को 13 मतों के अंतर से हरा दिया. 2009 के चुनाव में हेमंत ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी.


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मुख्यमंत्री रघुवर समेत उनकी कैबिनेट के 4 मंत्री चुनाव हार गए। इनमें लुइस मरांडी, राज पालीवार, आजसू के रामचंद्र सहिस हैं. रामचंद्र सहिस जुगसलाई सीट पर चुनाव हार गए। वे यहां तीसरे नंबर रहे. जुगसलाई से झाविमो के मंगल कालिंदी ने जीत दर्ज की. उन्होंने दूसरे नंबर पर रहे भाजपा के मूचीराम बाउरी को करीब 21900 वोटों से हराया.