लखनऊ: राज्य में अगले साल यानी 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद ने कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना को मंजूरी दी है.


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इस योजना को चालू वित्त वर्ष 2021-2022 से ही लागू किया जाएगा. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई बैठक में मंत्रिपरिषद ने चालू वित्त वर्ष से उत्तर प्रदेश में आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना लागू किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की.


बनेंगे किसान उत्पादक संगठन
इस योजना के तहत राज्य के प्रत्येक विकास खंड में अगले तीन वर्षों में 1,475 किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाए जाएंगे. सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष से 2031-32 तक परियोजना के क्रियान्वयन से राज्य सरकार पर समेकित रूप से 1,220.92 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा है.


यह योजना कृषि अवसंरचना कोष के तहत केंद्र द्वारा राज्य को आवंटित 12,000 करोड़ रुपये के बजट का उपयोग करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी मदद करेगी. इसके अंतर्गत कृषि अवसंरचनाओं का सतत विकास होगा. मंत्रिमंडल की बैठक ने नई देशव्यापी केंद्रीय क्षेत्र योजना-कृषि अवसंरचना कोष को अपनी मंजूरी प्रदान की.


ये सुविधाएं मिलेंगी
यह योजना ब्याज अनुदान और वित्तीय सहायता के माध्यम से फसल के बाद बुनियादी ढांचा प्रबंधन और सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों के लिए व्यवहार्य परियोजनाओं में निवेश के लिए मध्यम-लंबी अवधि के ऋण वित्तपोषण की सुविधा प्रदान करेगी.


सरकारी बयान के अनुसार, कृषि उत्पादन संगठनों के विकास एवं संवर्द्धन के लिए उत्तर प्रदेश कृषक उत्पादक संगठन नीति के तहत चालू वित्त वर्ष में प्रदेश के प्रत्येक विकास खंड में कम से कम एक कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.


14.75 लाख किसानों को लाभ
भारत सरकार के मानकों के समान राज्य सरकार के बजट से वित्त वर्ष 2021-22 में 225 कृषक उत्पादक संगठनों का गठन, वर्ष 2022-23 में 625 कृषक उत्पादक संगठनों का गठन तथा वर्ष 2023-24 में 625 कृषक उत्पादक संगठनों का गठन प्रस्तावित है. इस प्रकार कुल 1,475 कृषक उत्पादक संगठनों का गठन किया जाएगा. इस प्रयास से वित्त वर्ष 2023-24 के अंत तक प्रदेश के प्रत्येक विकास खंड में कम से कम तीन कृषि उत्पादक कंपनियां स्थापित हो जाएंगी.


इस परियोजना अवधि में लगभग 634.25 करोड़ रुपये का व्यय पड़ेगा है. इससे लगभग 14.75 लाख किसानों को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होगा. बयान में कहा गया कि केंद्र सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा एक लाख करोड़ रुपये के कृषि अवसंरचना कोष (एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड) का गठन किया गया है.


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