कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Election) से ठीक पहले ममता बनर्जी को गरीबों की याद सताने लगी. चुनाव के ठीक पहले ममता दीदी (Mamata Didi) ने सियासी चाल चल दी है.


दीदी को गरीबों की याद सताई!


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विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को गरीबों की याद आ गई और उन्होंने बड़ा ऐलान कर दिया है. ममता दीदी ने सोमवार को West Bengal के गरीबों के लिए 'मां रसोई' योजना लॉन्च की है.


'मां रसोई' योजना के तहत गरीबों को सिर्फ 5 रुपए में भरपेट खाना मिलेगा. हालांकि ये योजना फिलहाल कोलकाता में लागू हुई है. बाद में दूसरे जिलों में स्कीम लागू होगी.


ममता की राजनीति को जरा समझिए


हमारे देश में कहा जाता है कि पीठ पर मार लो भैया मगर पेट पर लात मत मारो, हमारी सियासत ने इस कहावत को बखूबी चरितार्थ किया है तभी तो 70 साल से ज्यादा बीत जाने के बावजूद भारत में वोट का रास्ता पेट से होकर गुजरता है, गेहूं- चावल के उत्पादन में भारत विश्व में दूसरे नंबर हैं लेकिन आप में से कई लोगों को ये जानकर धक्का लगेगा कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत का 94 नंबर पर है और ये बात हमारे देश के नेता अच्छी तरह जानते हैं.


नेताओं के कहने पर पब्लिक थाली भी बजा देती है और सभाओं में ताली भी बजाती है लेकिन राजनीतिक थाली और असली थाली का फासला हमेशा बरकरार रहता है ताकी चुनावी मौसम में इसी थाली पर वोट मांगे जा सके.


ममता की मां वाली थाली में क्या होगा?


एक प्लेट में 200 ग्राम चावल, एक कटोरी सब्जी, एक कटोरी दाल और एक अंडा होगा. मतलब 5 रुपये में इतना कुछ होगा कि एक आम इंसान का पेट आसानी से भर जाए.


कोलकाता की आबादी 1.49 करोड़ के आसपास है और पूरा शहर 144 वॉर्ड में बंटा हुआ है इसलिए हर इलाके के लोगों को 5 रुपये वाली थाली मिले इसके लिए कोलकाता में कुल 48 स्टोर खोले जाएंगे.


दिन में एक से 2 बजे के बीच लोगों के मां थाली परोसी जाएगी, हांलाकि ये स्टोर पूरे दिन भर खुले रहेंगे.


चुनाव के लिए थाली की शुरुआत?


क्या सिर्फ चुनावों के लिए ममता बनर्जी ने मां थाली योजना की शुरुआत की है. ये इसके लिए कोई तैयारी भी की गई है. चुनाव से पहले ममता हर वर्ग को कुछ ना कुछ तोहफा दे रही हैं, ऐसे में 5 रुपये की मां थाली योजना को ममता बनर्जी पहले कोलकाता और बाद में पूरे राज्य में लागू करना चाहती हैं.


इसके लिए बंगाल के बजट में 100 करोड़ रुपये का ऐलान किया है, लेकिन सवाल ये भी है कि क्या सिर्फ 100 करोड़ के बजट से सबको सस्ती थाली खिलाई जा सकेगी.


दरअसल, एक मां थाली पर सरकार का 16 रुपये खर्च आएगा. इसमें 11 रुपये सरकार खर्च करेगी जबकि 5 रुपये लोगों से लिया जाएगा.


सवाल टाइमिंग पर है, बंगाल में अगले कुछ दिनों में चुनाव होने वाले हैं. बीजेपी का आरोप है कि सिर्फ चुनाव फायदा लेने के लिए ममता बनर्जी मां थाली की शुरुआत की है.


कोलकाता में कुल 51 सीट हैं. यहां बड़ी संख्या में ऐसी आबादी रहती है जो दिन में काम पर निकलने के बाद सीधे रात में ही घर आती है. दिन में उन्हें ढ़ाबों पर, होटलों में, सड़क किनारे रेहड़ियों पर महंगा खाना खाने के लिए मजबूर होना पड़ता है.


ऐसे में चुनाव से ठीक 2 महीने पहले मां थाली की शुरुआत करने से ममता बनर्जी को चुनावी फायदा होगा?


पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव (West Bengal Election) को सियासी सरगर्मी काफी तेज होती जा रही है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के बीच घमासान छिड़ा हुआ है. इस बीच दीदी ने एक मास्टर स्ट्रोक लगा दिया.


पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने 'मां' स्कीम शुरू की. इस स्कीम में कोलकाता के लोगों को सिर्फ 5 रुपए में खाने की थाली मिलेगी. ऐसे में सवल उठना तो लाजमी है.


सवाल नंबर 1. चुनाव आया तो ममता को गरीबों का ख्याल आया?


सवाल नंबर 2. चुनाव आते ही दरिद्र में 'नारायण' दिखे?


सवाल नंबर 3. 5 रुपए की थाली से बंगाल विजय?


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राजनीति बुरी चीज है, ममता बनर्जी ने गरीबों की हमदर्दी लूटने के लिए चुनाव से ठीक पहले ये सियासी चाल चलकर वोट बंटोरने के लिए तिकड़मबाजी तो कर दी, लेकिन दीदी ने अपनी सियासत चमकाने के लिए केंद्र सरकार की कई योजनाओं को राज्य में लागू नहीं होने दिया.


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