कोलकाता: पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के चुनाव प्रचार करने पर 24 घंटे के लिए पाबंदी लगाए जाने के निर्वाचन आयोग के फैसले के विरोध में मंगलवार को शहर के बीचों-बीच धरने पर बैठ गईं.


ममता दीदी की धरना पॉलिटिक्स


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विवादों में फंसी ममता बनर्जी की धरना पॉलिटिक्स शुरू हो चुकी है. चुनाव आयोग (EC) के प्रचार बैन के खिलाफ कोलकाता के गांधी मूर्ति पर ममता बनर्जी धरना दे रहीं हैं. EC फैसले को दीदी ने 'असंवैधानिक' बताया है. उन्होंने मुसलमानों से TMC को वोट देने की अपील की थी.



धरने पर ममता ने बनाई पेंटिंग


विवाद के बीच कोलकाता के गांधी मौदान पर ममता बनर्जी का धरना जारी है. धरने के दौरान ममता ने पेंटिंग बनाई. आपको बता दें, दीदी के धरने पर सेना के ईस्टर्न कमांड ने कहा कि कोलकाता का गांधी मूर्ति इलाका उनके नियंत्रण में है, NOC नहीं दी है.


वहीं बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी (Mukhtar Abbas Naqvi) ने टीएमसी पर बोला हमला है. उन्होंने कहा कि हमने बहुत से चुनाव देखे, लेकिन इतनी हताशा किसी पार्टी में नहीं देखी. टीएमसी के खून खराबे का खेल एक्सपोज हो रहा है.


धरना स्थल पर अकेली बैठी हैं दीदी


बनर्जी पिछले महीने चोटिल होने के कारण व्हीलचेयर पर बैठकर पूर्वाह्न करीब 11 बजकर 40 मिनट पर यहां मायो सड़क पहुंचीं और उन्होंने परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के निकट बैठकर धरना शुरू किया. इस दौरान तृणमूल के किसी नेता या समर्थक को उनके पास नहीं देखा गया.


इस संबंध में सवाल किए जाने पर तृणमूल के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘प्रदर्शन स्थल के निकट किसी पार्टी नेता को जाने की अनुमति नहीं हैं. वह वहां अकेली बैठी हैं.’ आयोग ने बनर्जी के केंद्रीय बलों के खिलाफ बयानों और कथित धार्मिक प्रवृत्ति वाले एक बयान के कारण 24 घंटे तक उनके चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी है.


इस फैसले की निंदा करते हुए बनर्जी ने कहा था कि वह आयोग के ‘असंवैधानिक एवं अलोकतांत्रिक फैसले’ के खिलाफ मंगलवार को शहर में धरना देंगी. बनर्जी ने ट्वीट किया था, ‘निर्वाचन आयोग के अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक फैसले के विरोध में मैं कल (मंगलवार) दिन में 12 बजे से कोलकाता में गांधी मूर्ति के पास धरने पर बैठूंगी.’


क्या है पूरा मामला समझिए


ममता बजर्नी पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगा. ममता बनर्जी ने 3 अप्रैल को दिए अपने भाषण में मुसलमानों से वोट की अपील की थी. इसके बाद चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी के इस भाषण को आचार संहिता को उल्लंघन मानते हुए नोटिस भेजा था, जिसका जवाब ममता बनर्जी को 48 घंटे में देना था. हालांकि उन्होंने जवाब देने से इंकार कर दिया. इसी के बाद ममता के खिलाफ चुनाव आयोग ने कार्रवाई की है.


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