Aachar Sanhita Kya Hai: क्या है आचार संहिता, जानें किन-किन चीजों पर होती है पाबंदी?
Aachar Sanhita Kya Hai: 16 मार्च को चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करेगा. तारीखों के ऐलान के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी. आइए, जानते हैं कि आचार संहिता क्या है?
नई दिल्ली: Aachar Sanhita Kya Hai: भारत में जल्द ही लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. कल (16 मार्च, 2024) को चुनाव आयोग एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा, जिसमें लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया जाएगा. चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही पूरे देश में आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) लागू हो जाएगी.
क्या है आचार संहिता?
चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव हों. इसके लिए आयोग कुछ नियम बनाता है. इन्हीं नियमों या चुनाव से पहले की गाइडलाइंस को आचार संहिता कहा जाता है. हर दल व उम्मीदवार को आदर्श आचार संहिता का पालन करना होता है. यदि कोई इसका उल्लंघन करता है तो उस पर चुनाव आयोग के पास कार्रवाई करने का अधिकार होता है.
किसके लिए होते हैं नियम?
आचार संहिता में राजनीतिक पार्टियों, प्रत्याशियों और वोटर्स के लिए सामान्य आचरण से जुड़े नियम-कायदे होते हैं. इसके अलावा, सभा, जूलूस, वोटिंग, पोलिंग बूथ, ऑब्जर्वर और घोषणा पत्र से जुड़े नियम भी होते हैं.
किन चीजों पर लग जाती है पाबंदी?
आचार संहिता लागू होने के बाद सत्ता में बैठा दल या व्यक्ति किसी योजना की घोषणा या शुरुआत नहीं कर सकता. चुनाव के दौरान सत्ताधारी दल सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल नहीं कर सकता. सरकारी कर्मचारियों के तबादले भी आचार संहिता में रोक दिए जाते हैं. आचार संहिता चुनाव खत्म होने तक रहती है.
पार्टियों और नेताओं के लिए क्या नियम?
- जातियों या समुदायों के बीच मतभेद या घृणा न बढ़ाएं. ऐसी किसी गतिविधि में शामिल न हों.
- दल, नेता या कार्यकर्ता की पर्सनल लाइफ या चीजों पर कमेंट न करें.
- जाति या संप्रदाय की भावनाओं का इस्तेमाल करते हुए वोटिंग की अपील न करें.
- धार्मिक स्थानों कैसे मंदिर, मस्जिद का चुनाव प्रचार के लिए इस्तेमाल हो.
- वोटर्स को न तो डराएं-धमकाएं और न ही रिश्वत दें.
- मतदान केंद्र से 100 मीटर प्रचार-प्रसार न करें, वरना ये आपराधिक गतिविधि मानी जाएगी.
- वोटिंग से 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार बंद कर दें. सार्वजनिक सभा करना भी बैन होता है.
- राजनीतिक पार्टी या किसी उम्मीदवार के घर के सामने विरोध प्रदर्शन या धरना प्रदर्शन नहीं हो सकता.
- जहां दूसरे दल की बैठक चल रही हो, वहां न तो जुलूस निकालें और न ही बैठक करें.
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