नई दिल्लीः कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बजरंग दल एक बार फिर चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल, बीते मंगलवार (2 मई 2023) को कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए अपना घोषणा पत्र जारी किया है. इसमें कांग्रेस की ओर इस बात का जिक्र किया गया कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद बजरंग दल जैसी धार्मिक संगठनों पर रोक लगा दी जाएगी. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

घोषणा पत्र के बाद मची खलबली
कांग्रेस के इस घोषणा के बाद पूरे देश में खलबली मच गई है. इसको लेकर चर्चा-परिचर्चा तेज हो गई है. भारतीय जनता पार्टी की ओर से लगातार कांग्रेस पर निशाना साधा जा रहा है. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस की ओर से किया गया यह वादा भगवान हनुमान का अपमान है. कांग्रेस की इस घोषणा ने पूरे देश में तहलका मचा दिया है. ऐसे में आइए जानते हैं बजरंग दल क्या है और इसकी स्थापना कब, क्यों, कहां और किस उद्देश्य से की गई. 


क्या है बजरंग दल 
दरअसल, बजरंग दल हिंदू संस्कृति-सभ्यता को प्रचारित-प्रसारित करने वाला एक धार्मिक संगठन है. इसकी शुरुआत 8 अक्टूबर साल 1984 को उत्तर प्रदेश में शोभायात्रा के साथ हुई थी. तब इसकी स्थापना का मुख्य मकसद राम जानकी रथ यात्रा में आने वाली मुसीबतों को दूर करना था. तब देश के तमाम भागों से साधु-संतों ने युवाओं को इसमें शामिल होने का आह्वान किया था. 


क्या है बजरंग दल का मुख्य मकसद 
बजरंग दल का राष्ट्रीय संयोजक विनय कटियार को बनाया गया था. इसके बाद भारत के कई भागों से लगातार युवाओं को इस दल के साथ जोड़ा गया. बजरंग दल का सूत्र वाक्य सेवा, सुरक्षा और संस्कृति है. हिंदू युवा शक्ति को समाज के प्रति संस्कारयुक्त और सकारात्मक भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करना बजरंग दल का मुख्य मकसद है.  बजरंग दल का संगठन किसी के विरोध में नहीं बल्कि हिंदुओं को चुनौती देने वाले असामाजिक तत्वों से रक्षा के लिए हुआ. स्थापना के समय केवल स्थानीय युवाओं को ही इसमें शामिल किया गया. हालांकि, धीरे-धीरे यह संगठन पूरे देश में अपना पांव पसारता गया. 


देश के कई भागों में दी जाती है ट्रेनिंग 
कुछ मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि अयोध्या में जब बाबरी मस्जिद को तोड़ा गया तो उस वक्त मस्जिद को तोड़ने वाले लोगों में 90 प्रतिशत लोग बजरंग दल के थे.  इसकी स्थापना के बाद से संगठन लगातार अपना पांव पसारता रहा है. इसके लिए हर साल संगठन की ओर से देश के कई भागों में कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग दिया जाता है. मौजूदा समय में संगठन के कार्यकर्ता देश की हिन्दी पट्टी के राज्यों के साथ-साथ दक्षिण के कई राज्यों में भी मौजूद हैं. 


किसी भी सदस्य को जारी नहीं करता पहचान पत्र 
इस संगठन की सबसे खास बात यह है कि संगठन अपने किसी भी सदस्य के लिए किसी भी तरह का पहचान पत्र जारी नहीं करता है. इसके बजाय इसका दावा है कि पूरे भारत में बजरंग दल के 27 लाख सदस्य और करीब 22 लाख कार्यकर्ता हैं. 


देश के इन भागों में है मुख्यालय 
इसका मुख्यालय चेन्नई, बेंगलुरु, मुंबई, गुजरात, भोपाल, जयपुर, दिल्ली, मेरठ, लखनऊ, पटना, कोलकाता, गुवाहाटी समेत देश के कई भागों में है. संगठन का मुख्य मकसद धार्मिक मंदिरों की सुरक्षा, गौरक्षा, आंतरिक सुरक्षा, अस्पृश्यता का अंत, बांग्लादेशी घुसपैठ को रोकना, सांस्कृतिक प्रदूषण को रोकना और लव जिहाद पर ताला लगाना है. 


ये भी पढ़ेंः '30 साल पुरानी साथी पार्टी को 2019 में खत्म करना चाहती थी BJP', शरद पवार ने अपनी किताब में किये चौंकाने वाले खुलासे


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.